मुंबई, 30 नवंबर मुंबई की एक विशेष एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) अदालत ने 2018 एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता वरवर राव को मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए हैदराबाद जाने की अनुमति दे दी है।
न्यायमूर्ति राजेश कटारिया ने बुधवार को राव को अपनी बाईं आंख की सर्जरी के लिए 5 से 11 दिसंबर के बीच तेलंगाना की राजधानी की यात्रा करने की अनुमति दी।
अदालत ने कहा कि उन्हें चार दिसंबर को एनआईए को अपनी यात्रा का विवरण तथा उस स्थान का पता और संपर्क नंबर देना होगा जहां वह हैदराबाद में रहेंगे।
अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता को उन्हें दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करने की भी चेतावनी दी।
राव को 2018 में एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार किया गया था और मार्च 2021 में बंबई उच्च न्यायालय ने उन्हें चिकित्सा आधार पर अस्थायी जमानत दे दी थी।
अगस्त 2022 में उच्चतम न्यायालय ने उन्हें चिकित्सा आधार पर नियमित जमानत दे दी।
जमानत आदेश में एक शर्त यह थी कि राव अदालत की अनुमति के बिना मुंबई में विशेष एनआईए अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर नहीं जाएंगे।
पिछले महीने उच्च न्यायालय ने राव को दाहिनी आंख की मोतियाबिंद सर्जरी कराने के वास्ते एक सप्ताह के लिए हैदराबाद जाने की अनुमति दी थी।
न्यायमूर्ति एएस गडकरी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा था कि वापस लौटने के बाद वह दूसरी आंख की सर्जरी के लिए फिर से यात्रा करने की अनुमति के अनुरोध के लिए निचली अदालत से संपर्क कर सकते हैं।
राव और कई अन्य वामपंथी झुकाव वाले कार्यकर्ताओं पर 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों के संबंध में मामला दर्ज किया गया है।
पुणे पुलिस ने दावा किया कि सम्मेलन को माओवादियों का समर्थन प्राप्त था और वहां दिए गए भाषणों के कारण अगले दिन पुणे जिले में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क उठी।
बाद में एनआईए को मामले की जांच का जिम्मा दिया गया।
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