विशाखापत्तनम, 22 नवंबर इस साल के शुरू में वेस्टइंडीज दौरे पर सभी प्रारूपों में अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण करने वाले तेज गेंदबाज मुकेश कुमार की निगाहें आस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला से भारतीय टीम के साथ लंबे समय तक बने रहने पर लगी हुई हैं।
‘नये लुक’ वाली भारतीय टीम गुरूवार से आस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला खेलेगी। इससे दोनों टीम करीब सात महीने बाद शुरू होने वाले अगले टी20 विश्व कप की तैयारी शुरू कर देंगी।
दायें हाथ के गेंदबाज 30 साल के मुकेश इस मौके का फायदा उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वह घरेलू सर्किट और इंडियन प्रीमियर लीग की सफलता के बूते अच्छा प्रदर्शन करना चाहेंगे क्योंकि इसकी बदौलत ही उन्हें राष्ट्रीय टीम में जगह मिली थी।
मुकेश ने ‘जियो सिनेमा’ से कहा, ‘‘मैं अपने देश के लिए नियमित रूप से खेलना चाहता हूं, यही मेरी पहली उपलब्धि होगी। मैं प्रक्रिया पर ध्यान बनाये रखना चाहता हूं। इस पर अडिग रहने से ही मुझे नतीजे मिल रहे हैं इसलिये मैं ध्यान बनाये रखकर आगे बढ़ना चाहता हूं। ’’
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में दिल्ली कैपिटल्स की ओर से खेलने वाले मुकेश का मानना है कि इस टी20 प्रतियोगिता में कड़े मुकाबले खेलने को मिलते हैं जिससे भारतीय खिलाड़ियों को अच्छी तैयारी में मदद मिलेगी।
मुकेश ने कहा, ‘‘आईपीएल में काफी मुश्किल मैच होते हैं। सभी टीम में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मौजूद हैं और वो भी सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में शुमार हैं। इस मंच पर खेलना वास्तव में काफी मुश्किल होता है और यह मेरे लिए काफी अच्छा अनुभव है। ’’
वह भारत के सीनियर तेज गेंदबाज इशांत शर्मा के साथ ड्रेसिंग रूम साझा कर चुके हैं जिन्होंने उनकी काफी मदद की।
मुकेश ने कहा, ‘‘जहां तक ईशांत भैया (शर्मा) का संबंध है तो उन्होंने मेरी काफी मदद की। उन्होंने टीम में मेरी भूमिका स्पष्ट रूप से बतायी इसलिये मुझसे जो उम्मीद है मैं उसमें काफी ईमानदार होना चाहता हूं। ’’
मुकेश ने पहले टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया जिसके बाद उन्होंने अपना पहला वनडे और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला।
ड्रेसिंग रूम में उन खिलाड़ियों के साथ मौजूद रहना जिन्हें उन्होंने सिर्फ टीवी पर देखा था, इस पर बंगाल के तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘जब मैंने भारतीय टीम में अपने साथियों को देखा तो थोड़ी देर के लिए मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। मैं सोचने लगा कि कल तक मैं इन खिलाड़ियों को टीवी पर देखता था और आज मुझे इनके साथ अभ्यास करने और ड्रेसिंग रूम साझा करने का मौका मिला। ’’
मुकेश ने कहा, ‘‘विराट (कोहली) भाई ने मुझे कहा कि मैं अच्छी गेंदबाजी कर रहा था। जब अभ्यास मैच चल रहे थे तो रोहित (शर्मा) भाई भी आये और उन्होंने मुझसे बात की और सुझाव दिये। ’’
राष्ट्रीय टीम में पहुंचने के लिए कठिन यात्रा के बारे में बात करते हुए इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘मेरी परिवार कोलकाता में रहता था लेकिन मैं वहां नहीं रूक सकता था। मैं टेनिस बॉल क्रिकेट खेलने के लिए यात्रा करता रहता जिससे मुझे प्रत्येक मैच से करीब 500 रुपये मिलते। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘अचानक से ऐसा भी दौर आया जब मेरे पिता ने जोर देकर कहा कि मुझे परिवार के साथ रहना चाहिए। मैं एक नौकरी की तलाश कर रहा था और मेरे पिता ने मुझे कोलकाता में क्रिकेट में मौके ढूंढने के लिए कहा। मुझे ट्रायल्स के बाद प्रथम डिविजन में खेलने का मौका मिला। ’’
मुकेश ने कहा, ‘‘हमारे पास पूरी किट खरीदने के लिए ज्यादा पैसे नहीं थे। मैं पहले बल्लेबाजी भी करता था लेकिन आर्थिक तंगी के कारण गेंदबाजी पर ही ध्यान लगाना शुरू कर दिया। ’’
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