ग्वालियर, 10 नवंबर मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हत्या के एक मामले में दोषी करार दिये गये व्यक्ति की इस सप्ताह की शुरुआत में कथित तौर पर हत्या करने वाले दो शूटर को रविवार को पंजाब से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि ये शूटर कनाडा के खालिस्तानी चरमपंथी अर्शदीप सिंह डाला उर्फ अर्श डाला गिरोह के सदस्य हैं, जिन्होंने पैरोल पर बाहर आए व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी।
ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि सुखविंदर के भाई सतपाल ने मध्यप्रदेश में हत्या के लिए पंजाब के नवजोत सिंह उर्फ नीतू और अनमोलप्रीत सिंह उर्फ विशाल से संपर्क किया था।
उन्होंने बताया, ‘‘हमारी जांच में सतपाल और शूटर के संबंध सामने आ रहे हैं। उसकी पत्नी का परिवार पंजाब में रहता है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या सतपाल कनाडा में है, अधिकारी ने बताया कि वह उत्तरी अमेरिकी देश भाग गया है लेकिन कभी-कभी भारत आता है।
सिंह ने बताया कि वह (सतपाल) भारत में है या नहीं, यह जांच से पता चलेगा।
अधिकारी ने मामले की जारी जांच का हवाला देते हुए बताया कि वे इस वक्त यह स्पष्ट नहीं कर पाएंगे कि ग्वालियर में हुए इस हत्याकांड में डाला की भूमिका थी या नहीं।
उन्होंने बताया कि गिल के हत्यारे पंजाब में एक अन्य हत्या के सिलसिले में भी फरार थे और कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उन्हें ग्वालियर लाया जाएगा।
पंजाब पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपी अर्श डाला के गिरोह से हैं।
सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों की उम्र 30 साल के आसपास है।
अधिकारी ने बताया कि दोनों मध्यप्रदेश के एक होटल में रुके थे।
उन्होंने बताया कि वे (भाड़े के हत्यारे) मोटरसाइकिल पर आए और बृहस्पतिवार रात जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर डबरा इलाके में जसवंत सिंह गिल को उनके घर के बाहर गोली मार दी।
अधिकारी ने बताया कि दोनों ने करीब से तीन गोलियां चलाईं और गिल की मौके पर ही मौत हो गयी।
उन्होंने बताया कि गिल को 2016 में हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और वह 28 अक्टूबर से पैरोल पर बाहर था।
गिल के परिवार और पुलिस को संदेह है कि उसकी हत्या किसी पुरानी रंजिश का नतीजा है।
सूत्रों के अनुसार, गिल ने 2016 में जिस व्यक्ति की हत्या की थी, उसका भाई हाल ही में कनाडा से ग्वालियर आया था।
गिल ने आठ साल पहले ग्वालियर में पत्नी के चचेरे भाई सुखविंदर हत्या की थी। बाद में सुखविंदर का परिवार कनाडा चला गया।
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