नयी दिल्ली, दो अगस्त थोक बाजार में खाद्यतेलों के दाम अत्यधिक नीचे रहने के बीच किसानों के निचले भाव पर बिकवाली से परहेज करने के कारण आवक कम रहने से देश के तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को सरसों एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल कीमतों में मामूली सुधार दर्ज हुआ।
बिनौले का कारोबार काफी नगण्य है और भाव ऊंचा बोले जाने की वजह से इसमें सुधार आया। दूसरी ओर ऊंचे भाव पर कम कारोबार के बीच मूंगफली तेल तिलहन अपरिवर्तित बने रहे।
शिकॉगो एक्सचेंज में घट-बढ़ चल रही है। मलेशिया एक्सचेंज में कारोबार दोपहर साढ़े तीन बजे बंद हो गया जहां लगभग 1.25 प्रतिशत की तेजी रही।
बाजार सूत्रों ने कहा कि आवक कम होने की वजह से खाद्यतेलों के दाम में तुलनात्मक सुधार आया है, फिर भी सरसों, सोयाबीन जैसे कई तिलहनों के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि मंडियों में सरसों, सोयाबीन और कपास की आवक कम बनी हुई है। किसानों द्वारा पहले से ही कम दाम से और नीचे बिकवाली न करने से मंडियों में प्रमुख खाद्यतेल तिलहनों की आवक प्रभावित हुई है। यह अधिकांश तेल तिलहनों में सुधार का प्रमुख कारण है।
सूत्रों ने कहा कि जुलाई में सभी खाद्यतेलों को मिलाकर लगभग 19 लाख टन खाद्यतेल का आयात हुआ है जबकि देश में औसतन 13-14 लाख टन की मासिक मांग है। इस परिदृश्य में भी खाद्यतेलों के सस्ता होने का दावा सच्चाई के उलट है।
सूत्रों ने कहा कि लगभग 81 रुपये प्रति लीटर के थोक भाव वाला सूरजमुखी तेल खुदरा में 102 रुपये के भाव पर बिकना चाहिये लेकिन असल में यह तेल 140-150 रुपये प्रति लीटर से ऊपर बिक रहा है। उन्होंने कहा कि मीडिया में जानकारों को इसके बारे में भी अपनी राय रखनी चाहिये।
सूत्रों ने कहा कि आज मंडियों में सरसों की आवक घटकर ल्रगभग 2.75 लाख बोरी रह गई। इसी प्रकार कपास की आवक घटकर लगभग 7-8 हतार गांठ रह गई। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता लगता है कि पिछले साल की समान अवधि के 118.19 लाख हेक्टेयर के मुकाबले अभी तक कपास खेती का रकबा घटकर 108.43 लाख हेक्टेयर रह गया है। सोयाबीन की आवक भी आज घटकर लगभग 1.60 लाख बोरी की रह गई।
सूत्रों ने कहा कि स्थितियां सुधरने के बजाय और गंभीर दिशा की ओर जाती दीखती है। इन सब परिस्थितियों के बारे में सरकार को विचार कर कोई सही कदम उठाना होगा कि जिससे देश, आयात पर निर्भर होने से बचे और देश का तेल तिलहन उद्योग जीवित रहे।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 5,880-5,930 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,450-6,725 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,550 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,325-2,625 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 11,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,870-1,970 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,870-1,995 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,200 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,650 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,400 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 8,900 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,450-4,470 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,260-4,385 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,125 रुपये प्रति क्विंटल।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)