नई दिल्ली: भारतीय रेलवे गत एक मई से 3,604 ‘श्रमिक विशेष’ ट्रेनों से 48 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को लेकर गई है. आधिकारिक आंकड़े के अनुसार इनमें से 3,157 ट्रेनों की यात्रा समाप्त हो गई है जबकि 386 रास्ते में है.पांच शीर्ष राज्य जहां से अधिकतम ट्रेनों का परिचालन हुआ है उनमें गुजरात (946), महाराष्ट्र (677), पंजाब (377), उत्तर प्रदेश (243) और बिहार (215) हैं. भारतीय रेलवे ने एक मई को प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए इन प्रवासी विशेष ट्रेनों का परिचालन शुरू किया था.
इन ‘श्रमिक विशेष’ ट्रेनों की यात्रा देशभर के विभिन्न राज्यों में समाप्त हुई है। ऐसे शीर्ष पांच राज्य जहां अधिकतम संख्या में ट्रेनों ने अपनी यात्रा समाप्त की है, उनमें उत्तर प्रदेश (1,392), बिहार (1,123), झारखंड (156), मध्य प्रदेश (119) और ओडिशा (123) शामिल हैं. भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने यात्रा करने वाले प्रवासी श्रमिकों को 78 लाख से अधिक मुफ्त भोजन और 1.10 करोड़ से अधिक पानी की बोतल वितरित की है. ‘श्रमिक विशेष’ ट्रेनों का परिचालन मुख्य रूप से राज्यों के अनुरोध पर किया जा रहा है, जो चाहते थे कि कोविड-19 से निपटने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के कारण फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में भेजा जा सके. यह भी पढ़े | तेलंगाना में 3 साल का बच्चा खुले बोरवेल में गिरा, राहत बचाव कार्य जारी.
इन ‘श्रमिक विशेष’ ट्रेनों की यात्रा देशभर के विभिन्न राज्यों में समाप्त हुई है। ऐसे शीर्ष पांच राज्य जहां अधिकतम संख्या में ट्रेनों ने अपनी यात्रा समाप्त की है, उनमें उत्तर प्रदेश (1,392), बिहार (1,123), झारखंड (156), मध्य प्रदेश (119) और ओडिशा (123) शामिल हैं.भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने यात्रा करने वाले प्रवासी श्रमिकों को 78 लाख से अधिक मुफ्त भोजन और 1.10 करोड़ से अधिक पानी की बोतल वितरित की है. ‘श्रमिक विशेष’ ट्रेनों का परिचालन मुख्य रूप से राज्यों के अनुरोध पर किया जा रहा है, जो चाहते थे कि कोविड-19 से निपटने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के कारण फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में भेजा जा सके.
भारतीय रेलवे प्रत्येक ट्रेन चलाने की कुल लागत का 85 प्रतिशत वहन कर रही है, जबकि बाकी का किराया राज्यों द्वारा वहन किया जा रहा है।कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था के साथ-साथ लाखों प्रवासी श्रमिकों की आजीविका पर बुरा असर पड़ा है.
भारतीय रेलवे ने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत ‘श्रमिक विशेष’ ट्रेनों का परिचालन उत्तर प्रदेश और बिहार में विभिन्न स्थानों के लिए किया जा रहा है.
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