नयी दिल्ली, 20 दिसंबर सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए 21 अक्टूबर तक देश में 14 हजार से अधिक प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र (पीएमबीजेके) खोले जा चुके हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत 2,047 प्रकार की दवाइयां और 300 सर्जिकल उपकरण इसके दायरे में लाये गए हैं, जिनमें हृदय संबंधी, कैंसर रोधी, मधुमेह रोधी दवाएं शामिल हैं।
सरकार ने किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए पीएमबीजेके के नाम से समर्पित आउटलेट स्थापित करने के लिए पीएमबीजेपी योजना शुरू की थी।
नड्डा ने देश में कैंसर, मधुमेह, दिल संबंधी बीमारियों और हृदयाघात की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत की गई प्रगति पर कहा कि स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में विभिन्न स्तरों पर गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) का निदान और उपचार किया जाता है।
सरकारी अस्पतालों में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए उपचार या तो मुफ्त है या अत्यधिक सब्सिडी वाला है। प्रमुख गैर-संचारी रोगों का उपचार आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी- पीएमजेएवाई) के तहत भी उपलब्ध है।
यह योजना 12.37 करोड़ परिवारों के लगभग 55 करोड़ लाभार्थियों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है। यह आंकड़ा भारत की आबादी के निचले पायदान का 40 प्रतिशत है।
नड्डा ने कहा कि केंद्र ने हाल ही में पीएमजेएवाई के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए उनकी आय की परवाह किए बिना स्वास्थ्य कवरेज को मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि 30 नवंबर, 2024 तक 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 218 ‘अमृत’ फार्मेसी हैं, जो 6,500 से अधिक दवाएं (हृदय, कैंसर, मधुमेह, स्टेंट आदि सहित) बाजार दरों पर 50 प्रतिशत तक की महत्वपूर्ण छूट पर बेच रही हैं, इतना ही नहीं प्रत्यारोपण, सर्जिकल डिस्पोजेबल और अन्य चिकित्सा संबंधी वस्तुएं भी किफायती मूल्य पर बेची जा रही हैं।
नड्डा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में सुधार, स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पर्याप्त मानव संसाधनों की उपलब्धता, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में वंचित और हाशिए पर पड़े समूहों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल की उपलब्धता और पहुंच में सुधार के लिए सहायता प्रदान करता है।
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