देश की खबरें | मोदी ने ‘नादप्रभु’ केम्पेगौड़ा की 108 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया

बेंगलुरु, 11 नवंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेंगलुरु के संस्थापक नादप्रभु केम्पेगौड़ा की 108 फुट ऊंची प्रतिमा का शुक्रवार को अनावरण किया।

‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ के अनुसार, यह शहर के संस्थापक की पहली और सबसे ऊंची कांस्य प्रतिमा है।

‘‘स्टैच्यू ऑफ प्रॉस्पेरिटी’’ (समृद्धि की प्रतिमा) नामक यह प्रतिमा बेंगलुरु के विकास के लिए केम्पेगौड़ा के योगदान को याद करती है।

यह प्रतिमा 218 टन वजनी (98 टन कांसा और 120 टन इस्पात) है। इसे यहां केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्थापित किया गया है। इसमें लगी तलवार चार टन की है।

प्रतिमा के पीछे 23 एकड़ में फैला एक विरासत थीम पार्क है जो 16वीं सदी के शासक को समर्पित है। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 84 करोड़ रुपये है।

इस मौके पर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्य, आदिचंचनागिरि मठ के निर्मलानंदनाथ स्वामीजी, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संसदीय बोर्ड के सदस्य बी. एस. येदियुरप्पा, पूर्व मुख्यमंत्री एस. एम. कृष्णा, भाजपा विधायक और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

पूर्ववर्ती विजयनगर साम्राज्य के सामंती शासक केम्पेगौड़ा ने 1537 में बेंगलुरु की स्थापना की थी। उन्हें ओल्ड मैसूरु तथा दक्षिण कर्नाटक के अन्य हिस्सों में बहुल वोक्कालिगा समुदाय द्वारा श्रद्धेय माना जाता है।

प्रख्यात मूर्तिकार और पद्म भूषण से सम्मानित राम वनजी सुतार ने इस प्रतिमा का निर्माण किया है। सुतार ने गुजरात में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ तथा बेंगलुरु के विधानसौध में महात्मा गांधी की प्रतिमा भी बनायी थी।

इस प्रतिमा के लिए राज्य के 22,000 से अधिक स्थानों से ‘पवित्र मिट्टी’ एकत्रित की गयी जिसे सांकेतिक रूप से प्रतिमा के चार टॉवर में से एक के नीचे की मिट्टी में मिलाया गया।

पिछले दो सप्ताह में 21 विशेष वाहनों ने गांवों, शहरों और नगरों में पवित्र मिट्टी एकत्रित की।

अगले साल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस प्रतिमा की स्थापना से राजनीतिक दलों के बीच केम्पेगौड़ा की विरासत पर दावा जताने की स्पर्धा शुरू होती दिख रही है, जिसका मकसद राजनीतिक रूप से प्रभावशाली वोक्कालिगा समुदाय से चुनावी समर्थन हासिल करना है।

विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने पहले कहा था कि उनके नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने सबसे पहले हवाई अड्डे पर केम्पेगौड़ा की प्रतिमा स्थापित करने की योजना बनाई थी।

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