कोलकाता, 22 जुलाई : पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पेगासस जासूसी विवाद को लेकर बुधवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर देश को ‘निगरानी वाला राष्ट्र’ बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाया. उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों में ‘‘निरंकुश’’ भाजपा सरकार को हटाने के लिए विपक्षी एकता पर बल दिया. बनर्जी ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि वह पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल करके नेताओं, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों आदि को निशाना बनाने वाले कथित जासूसी प्रकरण का संज्ञान ले. उन्होंने विपक्षी दलों से कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए सभी को साथ आना होगा. तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष बनर्जी ने कोलकाता में शहीद दिवस रैली को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भाजपा एक लोकतांत्रिक देश को कल्याणकारी राष्ट्र के बजाय निगरानी वाले राष्ट्र में बदलना चाहती है.’’ उन्होंने केंद्र पर पेट्रोल-डीजल पर कर से संग्रहित धन का इस्तेमाल कल्याणकारी योजनाओं के लिए करने के बजाय ‘एक खतरनाक सॉफ्टवेयर’ से जासूसी करने के लिए खर्च करने का आरोप लगाया.
बनर्जी ने रैली में कहा, ‘‘हमारे फोन टैप किये जा रहे हैं. ने केवल टैप किये जा रहे हैं..यह एक रिकॉर्डर की तरह है. विपक्ष के सारे नेता जानते हैं कि हमारे फोन टैप किये जा रहे हैं. मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता शरद पवार जी, चिदंबरम या विपक्ष के अन्य नेताओं या मुख्यमंत्रियों से बात नहीं कर सकती क्योंकि केंद्र द्वारा हमारी जासूसी की जा रही है. लेकिन हमारी जासूसी कराने से वे 2024 के लोकसभा चुनाव में नहीं बच पाएंगे.’’ मुख्यमंत्री ने अपना फोन हाथ में उठाया जिसके कैमरे पर उन्होंने सरकार द्वारा कथित जासूसी के विरोध में टेप चिपका दिया था. बनर्जी ने कहा, ‘‘पेगासस खतरनाक है. वे सांसद अभिषेक बनर्जी (उनके भतीजे) और प्रशांत किशोर (चुनाव रणनीतिकार) की जासूसी कर रहे हैं. इसलिए मैंने अपने फोन को प्लास्टर कर दिया है. इसी तरह भाजपा सरकार को प्लास्टर कर देना चाहिए नहीं तो देश बर्बाद हो जाएगा. भाजपा संघीय ढांचे को नष्ट करने का काम कर रही है.’’ बनर्जी ने उच्चतम न्यायालय से जासूसी मामले में खुद जांच का आदेश देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में तीन महत्वपूर्ण चीजें हैं - मीडिया, न्यायपालिका और निर्वाचन आयोग - और पेगासस ने तीनों पर कब्जा कर लिया है. मैं उच्चतम न्यायालय से देश की सहायता के लिए आगे आने की अपील करूंगी. देश बचाओ, हमारे लोकतंत्र को बचाओ.’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप (उच्चतम न्यायालय) स्वत: संज्ञान नहीं ले सकते क्योंकि सभी फोन टैप किए गए हैं? कृपया जांच के लिए एक समिति का गठन करें. केवल न्यायपालिका ही देश को बचा सकती है.’’ बनर्जी ने आरोप लगाया कि ईंधन की ऊंची कीमतों से अर्जित धन का इस्तेमाल न्यायपालिका, राजनेताओं, पत्रकारों और अन्य की जासूसी करने के लिए किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने ईंधन करों के रूप में 3.7 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए. पैसा कहां जा रहा है? कोई टीका उपलब्ध नहीं है. वे निगरानी पर पैसा खर्च कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्रियों के फोन टैप किए जा रहे हैं. पेगासस स्पाइवेयर ने न्यायपालिका, नेताओं, मीडिया के फोन की निगरानी की है.’’ उन्होंने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘‘मोदीजी, कृपया बुरा न मानें. आपके खिलाफ मेरा व्यक्तिगत रूप से कुछ भी नहीं है. लेकिन आप और आपके गृह मंत्री विपक्षी नेताओं के खिलाफ (केंद्रीय) एजेंसियों को तैनात कर रहे हैं. आप एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं.’’
बनर्जी की यह टिप्पणी केंद्रीय मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वैज्ञानिकों सहित सैकड़ों भारतीयों की जासूसी करने के लिए कथित तौर पर इजरायली पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किए जाने पर उत्पन्न विवाद के बीच आयी है.
उन्होंने अपनी आज की रैली में दिल्ली से डिजिटल तरीके से शामिल होने के लिए कांग्रेस, राकांपा, समाजवादी पार्टी (सपा), शिवसेना और अन्य कई दलों के नेताओं का आभार जताया. बनर्जी ने कहा, ‘‘भाजपा और उसके निरंकुश शासन का विरोध करने वालों को इसे हराना चाहिए. भाजपा ने देश को अंधेरे में ला दिया है. हम सभी को इसे नई रोशनी में ले जाने के लिए आगे आना होगा.’’ भारतीय लोकतंत्र के लिए भाजपा द्वारा पैदा किये गये ‘‘खतरे’’ पर प्रकाश डालते हुए, बनर्जी ने विपक्षी एकता का आह्वान किया और राकांपा के शरद पवार जैसे नेताओं को विपक्षी नेताओं की एक बैठक बुलाने का सुझाव दिया. यह भी पढ़ें : UP में BJP कार्यकर्ता के पिता मृत पाए गये, छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
उन्होंने कहा कि विपक्षी दल समय गंवाने का जोखिम नहीं उठा सकते और उन्हें अभी से आम चुनाव की योजना बनानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘एकसाथ होकर गठबंधन तैयार करें, आगे बढे़ं, मैं आप लोगों के साथ एक होकर कार्यकर्ता की तरह साथ लड़ूंगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं अगले सप्ताह दिल्ली में रहूंगी और मैं संसद के मौजूदा सत्र के दौरान विपक्षी नेताओं से मिलना चाहती हूं. आप 27, 28 या 29 तारीख को विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाएं. हम कम से कम एक साथ बैठ तो सकते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास बर्बाद करने का समय नहीं है. केवल 2.5 से 3 साल बचे हैं. हमें अपने लोकतंत्र की रक्षा और संरक्षण के लिए एक साथ लड़ना होगा. अगर विपक्षी मोर्चा सत्ता में आता है, तो हम लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराएंगे. हम जनता के अनुकूल सरकार चाहते हैं.’’ उन्होंने यह भी कहा कि अगर दिसंबर तक महामारी की स्थिति में सुधार होता है, तो विभिन्न दलों के विपक्षी नेताओं के साथ कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक बड़ी रैली आहूत की जाएगी. बनर्जी ने अपने भाषण को बंगाली, हिंदी और अंग्रेजी के वाक्यों के साथ जोड़ा, जो परोक्ष तौर पर देश की ज्यादातर जनता तक पहुंचने का एक स्पष्ट प्रयास था.
भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर कोविड की दूसरी लहर को संभालने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा को हर हाल में हराना होगा. उन्होंने उत्तर प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ शासित राज्य बताने के लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा है कि कैसे संक्रमित शवों को गंगा में फेंक दिया गया था. भाजपा स्वयं एक अत्यधिक वायरस भरी पार्टी है जिसे पराजित करने की आवश्यकता है. इसकी राजनीति 'गोली और गाली' के इर्द-गिर्द घूमती है.’’ पंजाब, त्रिपुरा, तमिलनाडु, नई दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में प्रसारित अपने भाषण में, बनर्जी ने याद किया कि कैसे उन्होंने ‘‘पैसे, बाहुबल और माफिया शक्ति’’ के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. कोलकाता में 1993 में आज के दिन तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ रैली में जमा हुए युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर पुलिस गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गयी थी. बनर्जी उस समय कांग्रेस में थीं. उन 13 कार्यकर्ताओं की याद में तृणमूल कांग्रेस हर साल 21 जुलाई को ‘शहीद दिवस’ मनाती है.