बाली (इंडोनेशिया),15 नवंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उभरती प्रौद्योगिकियों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों सहित अन्य क्षेत्रों में भारत-अमेरिकी सामरिक गठजोड़ की स्थिति की मंगलवार को समीक्षा की तथा मौजूदा वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की।
समझा जाता है कि इंडोनिशिया के बाली शहर में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन से इतर अपनी बैठक में मोदी और बाइडेन ने यूक्रेन संघर्ष और उसके प्रभावों के बारे में भी चर्चा की ।
विदेश मंत्रालय के बयान में हालांकि सिर्फ यह कहा गया है कि दोनों नेताओं ने अपनी बैठक के दौरान मौजूदा वैश्विक एवं क्षेत्रीय घटनाक्रम पर चर्चा की ।
बयान के अनुसार, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने आज बाली में जी20 नेताओं की शिखर बैठक से इतर मुलाकात की । ’’
मंत्रालय ने कहा, ‘‘ दोनों नेताओ ने ‘महत्वपूर्ण ’ और उभरती प्रौद्योगिकियों, एडवांस्ड कंप्यूटिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता आदि भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में सहयोग सहित प्रगाढ़ होती भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की।’’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने सामयिक वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रम पर भी चर्चा की।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-अमेरिका साझेदारी मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन के निरंतर सहयोग को लेकर उन्हें धन्यवाद दिया । उन्होंने विश्वास जताया कि दोनों देश भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान करीबी समन्वय जारी रखेंगे।’’
मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने ‘क्वाड’ और ‘आई2यू2’ जैसे नये समूहों में भारत तथा अमेरिका के करीबी सहयोग पर संतोष जताया।
ज्ञात हो कि क्वाड समूह के सदस्य देश भारत,अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान हैं, जबकि आई2यू2 समूह में अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और इजराइल शामिल हैं।
इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दोनों नेताओं के बीच बातचीत को ‘उपयोगी’ बताया ।
बागची ने ट्वीट किया, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच जी20 शिखर बैठक से इतर उपयोगी चर्चा हुई । दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका सामरिक गठजोड़ को गहरा बनाने तथा क्वाड, आई2यू2 जैसे समूहों में करीबी सहयोग जारी रखने की सराहना की । दोनों ने जी20 के दौरान करीबी सहयोग बनाये रखने पर सहमति जतायी । ’’
मोदी और बाइडन के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब कुछ ही दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन के साथ कांबोडिया की राजधानी नाम पेन्ह में आसियान शिखर बैठक से इतर मुलाकात की थी । दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय मुद्दों, रूस-यूक्रेन युद्ध, ऊर्जा, जी-20 तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति पर चर्चा की थी ।
फरवरी में यूक्रेन संकट शुरू होने के बाद से, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की, दोनों से कई बार टेलीफोन पर बातचीत की है।
मोदी ने चार अक्टूबर को जेलेंस्की के साथ फोन पर बातचीत में कहा था कि यूक्रेन संकट का ‘‘कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता’’ और भारत शांति के किसी भी प्रयास में योगदान देने के लिए तैयार है।
उज्बेकिस्तान के समरकंद शहर में 16 सितंबर को पुतिन के साथ बैठक में, मोदी ने रूसी राष्ट्रपति को यह कहते हुए यूक्रेन में संघर्ष समाप्त करने के लिए प्रेरित किया था कि ‘‘आज का युग युद्ध का नहीं है।’’
पिछले कुछ महीनों में, भारत ने रूस से रियायती कच्चे तेल का आयात बढ़ाया है।
दीपक
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