नयी दिल्ली, आठ दिसंबर: कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने के लिये टीका जल्द ही उपलब्ध होने की बढ़ती संभावनाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को कहा कि कोविड- 19 टीकाकरण अभियान में मोबाइल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जायेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने तीन दिन तक चलने वाली मोबाइल इंडिया कांग्रेस का उद्घाटन करते हुये कहा कि मोबाइल प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से अरबों डालर के लाभ को उनके सही लाभार्थियों तक पहुंचाने में सफलता मिली है. कोरोना वायरस महामारी के दौरान भी इस तकनीक से गरीबों और समाज के वंचित तबकों तक मदद पहुंचाने में काफी सहारा मिला है. मोदी ने कहा, ‘‘मोबाइल प्रौद्योगिकी की मदद से ही हम दुनिया के सबसे बड़े कोविड-19 टीकाकरण की दिशा में आगे बढ़ेगें.’’ हालांकि, उन्होंने इस बारे में अधिक ब्यौरा नहीं दिया. देश में तीन प्रमुख कंपनियों --फाइजर, एस्ट्राजेनेका और भारत बायोटेक-- ने कोविड- 19 के आपातकालिक प्रयोग की अनुमति मांगी है.
इन कंपनियों के अपने टीके के इस्तेमाल के बारे में आवेदन किये जाने के साथ उम्मीद है कि देश में जल्द ही बड़े पैमाने पर टीकाकरण की शुरुआत हो सकती है. देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 95 लाख से अधिक है. हालांकि, इसमें से 91 लाख से अधिक लोग ठीक भी हो चुके हैं. India Mobile Congress 2020: पीएम मोदी कल इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2020 को संबोधित करेंगे
मोदी ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा, ‘‘हमें दूरसंचार क्षेत्र में 5जी प्रौद्योगिकी के समय पर शुरुआत की दिशा में मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि बेहतर भविष्य की दिशा में आगे बढ़ा जा सके और करोड़ों भारतीयों को इसका लाभ मिल सके.’’ प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भारत को दूरसंचार उपकरणों, डिजाइन, विकास और विनिर्माण के क्षेत्र में बड़ा केन्द्र बनाने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि मोबाइल प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से ही आज भारत करोड़ों डालर की मदद को उनके सही लाभार्थियों तक पहुंचाने में मदद मिली है.
मोबाइल दूरसंचार सेवा कंपनियों के मंच सीओओई द्वारा दूसरसंचार विभाग के सहयोग से आयोजित तीन दिन के सम्मेलन के उद्धाटन संत्र में मोदी ने कहा, ‘‘यह मोबाइल प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से ही संभव हो पाया है कि हम देख रहे हैं कि अरबों रुपये का नकदी रहित लेनदेन संभव हो सका है और इससे बेहतर व्यवसथा और पारदर्शिता को बढ़ावा मिला है. मोबाइल प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से ही अब टोल नाकाओं पर बिना संपर्क में आये वाहनों की आवाजाही हो पा रही है.’’
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