श्रीनगर, 28 नवंबर जम्मू-कश्मीर में धार्मिक संगठनों के समूह मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (एमएमयू) ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष के साथ प्रस्तावित संशोधनों पर चर्चा के लिए तत्काल बैठक की मांग की है।
एमएमयू ने बृहस्पतिवार को एक बयान में बताया, ‘‘ इन संशोधनों के धार्मिक, सामाजिक और धर्मार्थ संस्थाओं पर संभावित प्रभाव के कारण समुदाय के भीतर महत्वपूर्ण चिंता और बेचैनी उत्पन्न हुई है।”
मीरवाइज उमर फारूक की अध्यक्षता वाले एमएमयू ने जेपीसी के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल को बैठक के लिए पत्र लिखा है।
संशोधनों की महत्वपूर्ण प्रकृति पर जोर देते हुए एमएमयू ने कहा कि ये “वक्फ संपत्तियों की स्वायत्तता और मौलिक उद्देश्य को कमजोर कर सकते हैं।”
बयान में कहा गया, “संगठन का मानना है कि प्रस्तावित बदलावों का क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के कल्याण और स्वशासन पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है।”
पाल को लिखे पत्र में एमएमयू ने समय पर बातचीत के महत्व को दोहराया।
फारूक ने पाल को लिखे पत्र में कहा, “स्थिति की गंभीरता और समुदाय पर इसके संभावित प्रभाव को देखते हुए, हम एक बार फिर आपसे अनुरोध करते हैं कि आप जल्द से जल्द मुलाकात का समय दें।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर “ मुस्लिम बहुल राज्य है, इसलिए इसकी चिंताओं को सुना जाना चाहिए और उन पर विचार करते हुए समाधान किया जाना चाहिए।”
एमएमयू ने कहा कि बैठक के लिए उसका अनुरोध जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों के बीच व्यापक आशंकाओं को दूर करने के लिए रचनात्मक चर्चा की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
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