मुंबई, 29 अक्टूबर महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर रविवार को नयी दिल्ली रवाना हो गए, जहां वह सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अन्य लोगों से मुलाकात करेंगे।
उच्चतम न्यायालय ने 17 अक्टूबर को नार्वेकर को शिवसेना के दोनों गुटों की ओर से दायर याचिकाओं पर फैसला करने के लिए एक वास्तविक समय-सीमा बताने का अंतिम अवसर दिया था।
पार्टी में टूट के बाद, ये याचिकाएं एक-दूसरे के गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे नीत गुटों की ओर से दायर की गई थीं।
शीर्ष अदालत ने कहा था कि अयोग्यता याचिकाओं का शीघ्रता से निर्णय करना होगा। उसने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की थी।
नार्वेकर ने राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना होते समय मुंबई हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा, ‘‘दिल्ली में कुछ बैठकें निर्धारित हैं, जिनमें सॉलिसिटर जनरल (एसजी) के साथ एक बैठक भी शामिल है। दिल्ली की यह यात्रा पूर्व निर्धारित है।’’
उच्चतम न्यायालय में सोमवार को शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार गुट द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। इन याचिकाओं में कुछ विधायकों के खिलाफ दाखिल अयोग्यता याचिकाओं पर जल्द निर्णय लेने के लिए नार्वेकर को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
इस संबंध में पूछे जाने पर नार्वेकर ने कहा, ‘‘मैं कानूनी सुझाव लूंगा और फिर इस पर कोई फैसला करूंगा।’’
अयोग्यता याचिकाओं पर राकांपा विधायकों को भेजे गए नोटिस के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह कार्रवाई का हिस्सा था। अयोग्यता याचिकाओं की जांच पूरी होने के बाद मैंने नोटिस जारी किए थे।’’
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 17अक्टूबर को कहा था, ‘‘हम ज्यादा समय लिए जाने से खुश नहीं हैं। सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि दशहरे की छुट्टियों के दौरान वह व्यक्तिगत रूप से विधानसभा अध्यक्ष से बातचीत करेंगे, ताकि एक निश्चित तौर-तरीकों का संकेत दे सकें।’’
न्यायालय ने पूर्व में, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके विश्वस्त कई विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए उद्धव गुट द्वारा दायर याचिकाओं पर फैसला करने में देरी को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के प्रति नाखुशी जताते हुए कहा था कि वह शीर्ष न्यायालय के आदेशों की अनदेखी नहीं कर सकते हैं।
इसी तरह की अयोग्यता याचिकाएं शिंदे गुट ने भी उद्धव के प्रति निष्ठा रखने वाले विधायकों के खिलाफ दायर की हैं।
शीर्ष न्यायालय ने 18 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष को याचिकाओं पर निर्णय के लिए समय सीमा बताने का निर्देश दिया था।
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