विदेश की खबरें | गर्भपात के अधिकार संबंधी संशोधन को मिली-जुली प्रतिक्रिया
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

इस संविधान संशोधन के तहत 21 सप्ताह के बाद भी गर्भपात को मंजूरी प्रदान की जानी थी।

अमेरिका में बहुत से लोग गर्भपात की वर्तमान 15 सप्ताह की सीमा को बढ़ाये जाने की मांग कर रहे थे।

एरिज़ोना के मतदाताओं ने उस संवैधानिक संशोधन को मंजूरी दे दी जो आमतौर पर 21 सप्ताह के बाद गर्भपात की गारंटी देता है। एरिज़ोना उन नौ राज्यों में से एक था, जहाँ गर्भपात को मतपत्र पर रखा गया था। 2022 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा रो बनाम वेड को पलट दिए जाने के बाद से डेमोक्रेट्स ने अपने अभियानों में गर्भपात के अधिकारों को केंद्र में रखा है।

वहीं नेब्रास्का के मतदाताओं ने राज्य में गर्भपात के अधिकार को मंजूरी देने वाले संवैधानिक संशोधन को मतपत्र के जरिये अस्वीकार कर दिया।

नेब्रास्का ने गर्भवती महिला के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए गर्भपात को अनुचित ठहराया।

मतपत्र पर गर्भपात से जुड़े दो उपाय शामिल थे, जिसमें पहले गर्भपात को मंजूरी देने से जुड़ा था। वहीं दूसरे उपाय में राज्य के मौजूदा 12-सप्ताह के गर्भपात प्रतिबंध को राज्य के संविधान में शामिल करना और सख्त प्रतिबंधों की संभावना की अनुमति देता है।

यह दूसरा उपाय पारित हो चुका है।

नेब्रास्का, पहला राज्य है, जिसने गर्भपात के लिए एक ही मतपत्र पर गर्भपात संशोधनों को आगे बढ़ाया।

एसोसिएटेड प्रेस ने मंगलवार देर रात तीन बजकर 27 मिनट पर इस उपाय को खारिज किये जाने की घोषणा की।

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