सामाजिक न्याय मंत्रालय ने कम मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी को अपराध की श्रेणी से हटाने की सिफारिश की
नशीला पदार्थ (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने राजस्व विभाग को सौंपे गए नशीली दवा एवं मादक पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम की समीक्षा में निजी इस्तेमाल के लिए कम मात्रा में मादक पदार्थ (ड्रग्स) रखने को अपराध की श्रेणी से हटाने की सिफारिश की है. वर्तमान में एनडीपीएस अधिनियम के तहत राहत या छूट का कोई प्रावधान नहीं है और अधिनियम के तहत आरोपी अभियोजन और कारावास से तभी बच सकता है यदि वह स्वत: पुनर्वास केंद्र जाने की इच्छा जताता हैं.

अधिकारियों ने बताया कि पिछले हफ्ते राजस्व विभाग के साथ साझा की गई अपनी सिफारिशों में मंत्रालय ने निजी इस्तेमाल के लिए कम मात्रा में मादक पदार्थ के पाए जाने पर उसे अपराध की श्रेणी से हटाने का सुझाव दिया. एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि निजी इस्तेमाल के लिए कम मात्रा में नशीले पदार्थ के साथ पकड़े जाने पर व्यक्ति को जेल भेजे जाने के बजाय सरकारी केंद्रों में अनिवार्य उपचार के लिए भेजा जाना चाहिए. यह भी पढ़ें : AstraZeneca वैक्सीन के दुर्लभ दुष्प्रभावों की सूची में तंत्रिका विकार भी किया गया शामिल, अब तक सामने आ चुके है सैकड़ों मामलें

भारत में मादक पदार्थ रखना अपराध है और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27 में मादक पदार्थ के सेवन के लिए एक साल तक की कैद या 20,000 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है. इस धारा के तहत अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया है.