जरुरी जानकारी | वाणिज्य मंत्रालय निर्यातकों से नहीं स्वीकार कर रहा शुल्क प्रोत्साहन से जुड़ा एमईआईएस आवेदन

नयी दिल्ली, 28 जुलाई वाणिज्य मंत्रालय ने निर्यातकों के लिये भारत से वस्तु निर्यात योजना (एमईआईएस) के तहत कर प्रोत्साहन के लिये आवेदन देने की ऑनलाइन सुविधा 23 जुलाई से बंद कर दी है। कारण यह है कि राजस्व विभाग का इस योजना के तहत अप्रैल से दिसंबर के दौरान दिए जाने वाले लाभ की कुल सीमा 9,000 करोड़ रुपये तय कर दी है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार राजस्व विभाग ने मई में यह कहा था कि 2020-21 के लिये (दिसंबर 2020 तक) एमईआईएस के तहत आबंटन 9,000 करोड़ रुपये से अधिक करना व्यवहारिक नहीं होगा।

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विभाग ने यह भी सुझाव दिया था कि एमईआईएस और उसके दायरे की समीक्षा की जाए ताकि योजना के तहत आबंटित की जानेवाली राशि 9,000 करोड़ रुपये के दायरे में रहे।

वाणिज्य विभाग ने ने राजस्व विभाग से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा था। इस बारे में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 21 जुलाई को भी पत्र लिखा।

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कार्यालय ज्ञापन के अनुसार एमईआईएस के आंकड़े को देखा गया और पाया गया कि 20 जुलाई तक निर्यातकों को उनके निर्यात आर्डर के साथ निर्यात बिल के लिये 422.4 करोड़ रुपये की एमईआईएस पर्ची जारी किये जा चुके हैं।

ज्ञापन 27 जुलाई को जारी किया गया। इसके अनुसार, ‘‘चूंकि 2020-21 के एमईआईएस के तहत 9,000 करोड़ रुपये का आबंटित कोष है और राजस्व विभाग ने अतिरिक्त आबंटन के बारे में कुछ नहीं कहा है। ऐसे में ऑलाइन एमईआईएस प्रणाली को निर्यात आर्डर के साथ निर्यात बिल के लिये नये आवेदन स्वीकार करना 23 जुलाई से बंद कर दिया है। इसका मकसद एमईआईएस पर्ची की संख्या को सीमित करना है।’’

इस बारे में निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अध्यक्ष एस के सर्राफ ने कहा कि मसले को सुलझाने के लिये सरकार से हस्तक्षेप क आग्रह किया गया है। निर्यातक पहले ही कीमतों में एमईआईएस लाभ को शामिल कर चुके हैं, फिर कोविड-19 महामारी प्रभावित निर्यातकों को नकदी की जरूरत है, ऐसे में इस मामले का निपटना जरूरी है।

एमईआईएस के तहत सरकार उत्पाद और देश के आधार पर निर्यातकों को शुल्क लाभ उपलब्ध कराती है।

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