रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 55 देशों में 13.5 करोड़ लोग गंभीर खाद्य संकट या मानवीय दृष्टि से आपात स्थिति में जीवनयापन कर रहे थे। यह संख्या रिपोर्ट तैयार करने के चार साल के दौरान दो करोड़ बढ़ी है जिससे आंकड़ा इस रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन और विश्व खाद्य कार्यक्रम मंगलवार को यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सौंपेंगे। रिपोर्ट में इस और पिछले साल के दौरान 50 देशों के खाद्य संकट का सामना कर रहे लोगों के आंकड़ों की तुलना की गई है। इस दौरान खाद्य संकट का सामना कर रहे लोगों की संख्या करीब 10 प्रतिशत बढ़कर 12.3 करोड़ पर पहुंच गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी प्रमुख वजह विवाद, आर्थिक झटके और मौसम से जुड़े संकट मसलन सूखा आदि हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि एक और झटका लगता है तो 18.30 करोड़ और लोगों के खाद्य संकट की स्थिति में जाने का जोखिम है। इस रिपोर्ट के लिए आंकड़े जुटाने का काम कोविड-19 महामारी फैलने से पहले पूरा हो गया था। रिपोर्ट के लेखकों ने आगाह किया है कि इस महामारी की वजह से स्थिति और चिंताजनक होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 13.5 करोड़ लोग पहले से खाद्य असुरक्षा की स्थिति में थे। ऐसे में कोविड-19 महामारी की वजह से इन लोगों की स्थिति और चिंताजनक होगी। इन लोगों पर महामारी के चलते स्वास्थ्य और सामाजिक आर्थिक झटके की मार सबसे अधिक पड़ेगी।
एएफपी अजय
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