मौसम वैज्ञानिकों ने कहा, गर्मी का यह मौसम असाधारण है

सामान्य तौर पर मार्च में उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत में गर्मी पड़ने लगती है और अप्रैल, मई और जून के पहले तक गर्मी का प्रकोप तब तक बढ़ता है जब तक मानसूनी हवाएं नहीं चलने लगती। उत्तर और पूर्वी भारत के मैदानों के अलावा मध्य भारत के विदर्भ मराठवाड़ा, गुजरात, और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों जैसे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को लू प्रभावित क्षेत्र माना जाता है जहां पर अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चला जाता है। पश्चिमी राजस्थान में तो पारा 50 डिग्री तक पहुंच जाता है।

एजेंसी न्यूज Bhasha|
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मौसम वैज्ञानिकों ने कहा, गर्मी का यह मौसम असाधारण है

सामान्य तौर पर मार्च में उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत में गर्मी पड़ने लगती है और अप्रैल, मई और जून के पहले तक गर्मी का प्रकोप तब तक बढ़ता है जब तक मानसूनी हवाएं नहीं चलने लगती। उत्तर और पूर्वी भारत के मैदानों के अलावा मध्य भारत के विदर्भ मराठवाड़ा, गुजरात, और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों जैसे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को लू प्रभावित क्षेत्र माना जाता है जहां पर अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चला जाता है। पश्चिमी राजस्थान में तो पारा 50 डिग्री तक पहुंच जाता है।

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जमात

नयी दिल्ली, 12 मई मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि अभी तक सबसे गर्म रहने वाले इलाकों में लू नहीं चली है और देश भर में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। गर्मी का यह मौसम असाधारण होने जा रहा है।

सामान्य तौर पर मार्च में उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत में गर्मी पड़ने लगती है और अप्रैल, मई और जून के पहले तक गर्मी का प्रकोप तब तक बढ़ता है जब तक मानसूनी हवाएं नहीं चलने लगती। उत्तर और पूर्वी भारत के मैदानों के अलावा मध्य भारत के विदर्भ मराठवाड़ा, गुजरात, और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों जैसे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को लू प्रभावित क्षेत्र माना जाता है जहां पर अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चला जाता है। पश्चिमी राजस्थान में तो पारा 50 डिग्री तक पहुंच जाता है।

मौसम विभाग ने गर्मी वाले क्षेत्रों में सामान्य से अधिक तापमान होने का पूर्वानुमान लगाया है लेकिन अबतक तापमान अपने चरम पर नहीं पहुंचा है। इसके उलट एक मई से 11 मई के बीच सामान्य से 25 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।

मौसम विभाग पुणे में दीर्घ क्षेत्र पूर्वानुमान ईकाई में वरिष्ठ वैज्ञानिक ओपी श्रीजीत ने बताया कि मार्च में सामान्य से 47 प्रतिशत अधिक और अप्रैल में आठ प्रतिशत अधिक बारिश हुई।

मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, ‘‘यह सामान्य परिपाटी नहीं है।’’

मौसम का पुर्वानुमान लगाने वाली निजी संस्था स्काईमेट के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा कि सामान्यत: अप्रैल में लू के दो चरण आते हैं।

मौसम विभाग सामान्य से पांच से छह डिग्री अधिक तापमान होने पर लू की स्थिति होने की घोषणा करता है जबकि सामान्य से सात डिग्री अधिक तापमान होने पर भीषण लू की घोषणा करता है।

मौसम विभाग में राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र की अध्यक्ष सती देवी ने बताया कि अप्रैल महीने में एक मौके पर गुजरात में लू की स्थिति बनी थी लेकिन इसका विस्तार नहीं हुआ।

उन्होंने बताया कि इस महीने राजस्थान के कुछ इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया था लेकिन पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हुई बारिश से फिर पारे में गिरावट आ गई।

देवी ने कहा कि उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ से बारिश और आंधी-तूफान आ रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्वी और दक्षिणी भार में भी आंधी आने से तापमान सामान्य से नीचे बना हुआ है।

देवी ने बताया कि मई महीने में दो पश्चिमी विक्षोभ आ चुके हैं और एक और इस हफ्ते के अंत तक आएगा।

पलावत ने कहा कि 16 मई से तापमान में वृद्धि हो सकती है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)

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