हवाईअड्डों पर यात्रियों की जांच के लिए चिकित्सा दल का गठन किया गया : मंत्री मा सुब्रमण्यम
मंकीपॉक्स (Photo: Twitter)

चेन्नई, 16 जुलाई : तमिलनाडु के मंत्री मा सुब्रमण्यम ने शनिवार को कहा कि यात्रियों में मंकीपॉक्स बीमारी की जांच के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निर्देश के अनुरूप विशेष चिकित्सा दल का गठन किया है. हाल में केरल में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आने के बाद चिकित्सा और परिवार कल्याण मंत्री ने विभिन्न स्थानों से आने वाले यात्रियों की जांच के लिए चेन्नई हवाईअड्डे पर किए गए उपायों का निरीक्षण किया. सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार ने 22 मई से अब तक तमिलनाडु में विभिन्न गंतव्यों से पहुंचे 4.84 लाख लोगों की जांच की है. उन्होंने कहा कि अकेले चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मई से अब तक 3.67 लाख लोगों की जांच की गयी है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''इसके अलावा सभी जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मंकीपॉक्स रोग के लिए विशेष वार्ड रखने की सलाह दी गयी है और उन वार्ड में मरीज़ों के इलाज के लिए विशेष चिकित्सकों को तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं.'' उन्होंने बताया, चिकित्सा दलों को उन रोगियों को अलग करने के लिए कहा गया है जिनमें मंकीपॉक्स रोग के लक्षण नज़र आए हैं. साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी निवारक उपाय किए जाएं.

उन्होंने कहा, ''ऐसे रोगी, जिनमें लक्षण दिखाई दे रहे हैं उनके नमूने एकत्र किए जाने चाहिए और उन्हें राज्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे को भी भेजा जाना चाहिए.''

मई के बाद से 63 देशों में लगभग 9,647 लोगों में मंकीपॉक्स संक्रमण की पुष्टि हुई है. यह आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ रहा है, जिनमें से 86 प्रतिशत लोग यूरोपीय देशों से हैं, जबकि 11 प्रतिशत अमेरिका से हैं. उन्होंने कहा, ''यह बीमारी ऑस्ट्रेलिया, नाइजीरिया, सिंगापुर, फ्रांस, इटली में भी फैल रही है.'' देश में 14 जुलाई को मंकीपॉक्स का पहला मामला केरल में सामने आने के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति से निपटने में अधिकारियों का सहयोग करने के लिए बृहस्पतिवार को राज्य में एक उच्च स्तरीय टीम भेजी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार मंकीपॉक्स जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस है. मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के रोगियों में देखे गए लक्षणों के समान लक्षण होते हैं. हालांकि इसका संक्रमण चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है.