मुंबई, 25 नवंबर महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय से आग्रह किया कि कथित टीआरपी घोटाला मामले में रिपब्लिक टीवी और अन्य समाचार चैनलों को ''समानांतर जांच और अभियान'' चलाने से रोका जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने कहा कि वह इस मामले की रिपोर्टिंग को रोकने को लेकर फिलहाल कोई आदेश पारित नहीं कर सकती।
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राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा कि मामला विचाराधीन है, फिर भी चैनल समानांतर जांच और अभियान चला रहे हैं। गवाहों को बुलाकर उनके बयान ले रहे हैं।
सिब्बल ने कहा, ''एक ओर मामले की सुनवाई चल रही है। दूसरी ओर टीवी चैनल गवाहों को बुलाकर उनके बयान ले रहे हैं।''
उन्होंने रिपब्लिक टीवी को चलाने वाली कंपनी एआरजी आउटलायर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ के समक्ष ये टिप्पणियां कीं। याचिका में कथित टीआरपी घोटाले की मुंबई पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर रोक लगाने की अपील की गई है और जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया गया है।
रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आबाद पोंडा ने अदालत से कहा कि समानांतर जांच या अभियान पहले से ही देशभर की अदालतों में दायर कई याचिकाओं का विषय है।
पीठ ने कहा, ''टीवी चैनलों पर जो कुछ चल रहा है, संभव है कि उससे जांच अधिकारी प्रभावित हों। लेकिन सुनवाई के इस चरण में मामले में रिपोर्टिंग पर रोक लगाने का फिलहाल हम कोई भी आदेश पारित नहीं कर सकते।''
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