मुंबई, 29 अक्टूबर शेयर बाजारों में लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 678 अंक का गोता लगा गया। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली से घरेलू बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
कारोबारियों के अनुसार कंपनियों के मिले-जुले तिमाही परिणाम और कुछ शेयरों के भाव में जरूरत से ज्यादा तेजी का भी बाजार धारणा पर असर पड़ा है।
बृहस्पतिवार को भारी बिकवाली के बाद तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स शुरू में 60,000 अंक को पार करने में सफल रहा। लेकिन तेजी कायम नहीं रह सकी और अंत में यह 677.77 अंक यानी 1.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,306.93 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 185.60 अंक यानी 1.04 प्रतिशत लुढ़क कर 17,671.65 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में टेक महिंद्रा 3.53 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में रहा। इसके अलावा, एनटीपीसी, इंडसइंड बैंक, कोटक बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज में मुख्य रूप से गिरावट रही।
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में अल्ट्राट्रेक सीमेंट, टाटा स्टील, मारुति, टाइटन, डा. रेड्डीज और आईसीआईआईसी बैंक शामिल हैं। इनमें 2.61 प्रतिशत तक की तेजी रही।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर कमजोर धारणा के बीच घरेलू बाजार में बिकवाली दबाव बना हुआ है। खासकर ऊर्जा और निजी बैंक के शेयरों पर दबाव जारी है।’’
उन्होंने कहा कि यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति दबाव के बावजूद नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय किया। इसके बाद भी यूरोपीय बाजारों में शुरूआत कमजोर रही।
नायर के अनुसार अगले सप्ताह अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व का निर्णय महत्वपूर्ण होगा। इससे वैश्विक शेयर बाजारों को दिशा मिलेगी।
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 1,514.69 अंक यानी 2.49 प्रतिशत जबकि निफ्टी 443.25 अंक यानी 2.44 प्रतिशत नीचे आया।
एमके वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख जोसेफ थॉमस ने कहा, ‘‘विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली से शेयर बाजारों में गिरावट रही। अक्टूबर महीने में एफआईआई ने शुद्ध रूप से 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की बिकवाली की। विदेशी निवेशकों के लिये मूल्यांकन जोखिम प्रमुख रूप से चिंता की वजह है...।’’
क्षेत्रवार सूचकांकों में बीएसई ऊर्जा, आईटी, प्रोद्योगिकी, बैंक, वित्त और जन केंद्रित सेवाओं से जुड़े सूचकांकों में 1.90 प्रतिशत तक की गिरावट आयी। मूल सामग्री, रियल्टी, स्वास्थ्य और वाहन सूचकांकों में हल्की तेजी रही।
बीएसई मिडकैप (मझोली कंपनियां) सूचकांक 0.16 प्रतिशत मजबूत हुआ जबकि छोटी कंपनियों (स्मॉलकैप) का सूचकांक 0.38 प्रतिशत नीचे आया।
एशिया के अन्य बाजारों में चीन में शंघाई कंपोजिट इंडेक्स और जापान का निक्की लाभ में रहें जबकि हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहें।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में गिरावट का रुख रहा।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.23 प्रतिशत की बढ़त के साथ 83.85 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 4 पैसे मजबूत होकर 74.88 पर पहुंच गयी।
शेयर बाजार के आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को पूंजी बाजार में 3,818.51 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
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