मुंबई, 19 अक्टूबर महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार को मराठा संगठनों के सदस्यों ने मराठा समुदाय के लोगों को नौकरी और शिक्षा में आरक्षण देने के मुद्दे को आगे बढ़ाने के महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के तरीकों के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।
मध्य महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में प्रदर्शनकारियों ने आरक्षण के मुद्दे पर प्रसिद्ध तुलजाभवानी मंदिर के निकट प्रदर्शन किया।
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भाजपा सांसद संभाजी छत्रपति ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
मध्य महाराष्ट्र के ही पार्लीन बीड़ जिले में भी प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शनकारियों ने शिवसेना नीत राज्य सरकार पर आरक्षण के मुद्दे पर ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि गठबंधन सरकार में शामिल तीनों दलों के ढुलमुल रवैये के चलते ही उच्चतम न्यायालय ने 2018 के आरक्षण कानून को लागू करने पर रोक लगाई है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा, ''हम सरकार द्वारा पुलिस भर्ती और महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) की परीक्षा कराए जाने का विरोध करते हैं। ''
मराठा समूहों ने कहा कि ये परीक्षाएं तब तक आयोजित नहीं की जानी चाहिये, जब तक सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के उम्मीदवारों को आरक्षण देने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती।
इस बीच, भाजपा के राज्यसभा सदस्य एवं छत्रपति शिवाजी के वंशज उदयनराजे भोसले ने 11 अक्टूबर को होने वाली एमपीएससी की परीक्षा स्थगित करने की मांग का समर्थन किया।
भोसले ने फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा कि मराठा क्रांति मोर्चा और छात्र संगठन एमपीएससी की परीक्षाएं टालने की मांग कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार परीक्षाएं कराने पर अड़ी है, जो सही नहीं है।
उन्होंने कहा, ''कुछ भी गलत हुआ तो उसकी जिम्मेदार सरकार होगी।''
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण देने को लेकर 2018 में एक कानून बनाया गया था, जिसे लागू करने पर उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने रोक लगा दी थी।
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