नयी दिल्ली, 26 मई उत्तर और पश्चिम भारत के कई इलाके लू की चपेट में हैं और मंगलवार को राजस्थान के चुरू में पारा 50 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया। वहीं, मौसम विभाग ने असम और मेघालय में 28 मई तक भारी बारिश का पूर्वानुमान लगाया है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पालम केंद्र में अधिकतम तापमान 47.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि शहर के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री तक अधिक दर्ज किया गया।
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भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक बड़े इलाके में लगातार दो दिनों तक अधिकतम तापमान 45 डिग्री दर्ज होने पर लू की घोषणा की जाती है जबकि पारा 47 डिग्री होने पर प्रचंड लू की घोषणा की जाती है।
मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली जैसे छोटे इलाके में एक दिन भी 45 डिग्री तापमान होने पर लू की घोषणा की जा सकती है।
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राजस्थान के कई इलाके प्रचंड लू का सामना कर रहे हैं और चुरू जिले में पारा 50 डिग्री को छू गया। गत दस साल में यह दूसरी बार है जब चुरू में मई महीने में इतना अधिक तापमान दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के मुताबिक 19 मई 216 में चुरू में सबसे अधिक 50.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था।
मौसम विभाग के मुताबिक बीकानेर, गंगानगर, कोटा और जयपुर में अधिकतम तापमान क्रमश: 47.4 डिग्री, 47 डिग्री, 46.6 डिग्री और 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम कार्यालय ने चुरू, बीकानेर, हनुमानगढ़ और गंगानगर में अगले 24 घंटे प्रचंड लू चलने का पूर्वानुमान लगाया है।
दिल्ली का सफदरजंग वेधशाला जो पूरे शहर के तापमान का प्रतिनिधि करता है वहां पर अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिल्ली भी लू की चपेट में है।
क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि आखिरी बार सफदरजंग में 46 डिग्री अधिकतम तापमान 19 मई 2002 को दर्ज किया गया था।
सफदरजंग वेधशाला में सबसे अधिक तापमान 29 मई 1944 को 47.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
हालांकि, पालम वेधशाला में पिछली बार सबसे अधिक तापमान 47.6 डिग्री 18 मई 2010 को दर्ज किया गया था।
आईएमडी ने बताया कि दिल्ली के लोधी रोड और आयानगर वेधशाला में अधिकतम तापमान क्रमश: 45.4 डिग्री और 46.8 डिग्री दर्ज किया गया।
श्रीवास्तव ने कहा कि बृहपस्तिवार को पश्चमी विक्षोभ और पूर्वी हवाओं की वजह से गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार और शनिवार को धूल भरी आंधी चलने और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। यहां पर 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में भी लू का प्रकोप जारी है। प्रयागराज 47.1 डिग्री अधिकतम तापमान के साथ प्रदेश का सबसे गर्म स्थान रहा।
विभाग ने कहा कि प्रदेश में आने वाले तीन-चार दिनों तक का लू का प्रकोप जारी रहेगा।
मौसम कार्यालय ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में चिलचिलाती गर्मी का दौर जारी रहेगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में प्रचंड लू चलेगी।
कार्यालय के मुताबिक 47.1 डिग्री सेल्सियस के साथ प्रयागराज प्रदेश का सबसे गर्म स्थान रहा। गोरखपुर और अयोध्या मंडलों में भी दिन के तापामन में तेजी से वृद्धि हुई है।
मौसम कार्यालय ने कहा कि वाराणसी और अयोध्या मंडल सहित अन्य मंडलों में तापमान सामान्य से अधिक रहा।
हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ मंगलवार को प्रचंड लू की चपेट में रहे और हिसार 48 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ सबसे गर्म स्थान रहा।
मौसम विभाग के मुताबिक हरियाणा के हिसार में इस साल गर्मी के मौसम सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया और यह सामान्य से पांच डिग्री अधिक है। इसके अलावा प्रदेश के नरनौल में 46 डिग्री और करनाल में 44 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। पंजाब में 44.7 डिग्री तापमान के साथ पटियाला सबसे अधिक गर्म स्थान रहा। लुधियाना में 44.1 डिग्री तामपान दर्ज किया गया।
हरियाणा और पंजाब की संयुक्त राजधानी और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में 43.1 डिग्री तामपान दर्ज किया गया जो सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस अधिक है।
गुजरात में अधिकतम तापमान 39 से 43 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। अहमदाबाद में 43.7 डिग्री तामपान दर्ज किया गया। वहीं महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में भी लू का प्रकोप है और कोंकण क्षेत्र के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान दर्ज किया गया।
हालांकि, आईएमडी ने असम और मेघालय के लिए 26 से 28 मई के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक पूर्वोत्तर के इन दोनों राज्यों में मूसलाधार बारिश हो सकती है।
अरुणाचल प्रदेश में भी लगातार बारिश हो रही है और दिबांग घाटी जिले में भूस्खलन की चपेट में एक मकान के आने से उसमें रह रही 30 वर्षीय महिला और उसके दो बच्चे जिंदा दफन हो गए।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, ‘‘असम और मेघालय में अगले तीन दिन के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।’’
उन्होंने कहा कि मई के बाद जून में भी पूर्वोत्तर भारत में अधिकतम वर्षा होगी।
इस बीच, राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र की प्रमुख सती देवी ने बताया कि अल्फान तूफान की वजह से मानसून के आगे बढ़ने की रफ्तार थम गई थी लेकिन बुधवार से दोबारा यह अपनी गति पकड़ लेगा।
आईएमडी के मुताबिक इस बार मानसून निर्धारित तारीख से चार दिन की देरी के साथ पांच जून को केरल पहुंचेगा।
भारतीय मौसम विभाग ने तटीय केरल और कर्नाटक के मछुआरों को अगाह किया है कि वे 30 मई से चार जून के बीच गहरे समुद्र में मछली पकड़ने नहीं जाएं।
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