लखनऊ, 13 फरवरी : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ‘आया राम-गया राम' की कहावत को चरितार्थ करते हुए लगभग सभी राजनीतिक दलों के कई विधायकों ने दल बदल किया है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के अलावा अपना दल (सोनेलाल) जैसे क्षेत्रीय दलों के विधायकों ने भी पुराने दल को अलविदा कहते हुए अपनी निष्ठा बदल दी है. उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी के मुताबिक हाल के दिनों में विभिन्न दलों के लगभग 15 विधायकों ने कमल के फूल (भाजपा का चुनाव चिह्न) पर भरोसा जताया है. इसमें कांग्रेस विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह (रायबरेली जिला) और नरेश सैनी (सहारनपुर) शामिल हैं. इसके अलावा बसपा से विधायक वंदना सिंह (सगड़ी-आजमगढ़), रामवीर उपाध्याय (सादाबाद-हाथरस) और अनिल सिंह (पुरवा-उन्नाव) भी भाजपा में शामिल हो गये.
उन्होंने कहा कि सपा के दो विधायक सुभाष पासी (गाजीपुर जिले के सैदपुर) और हरिओम यादव (फिरोजाबाद के सिरसागंज) भी भाजपा में शामिल हो गए हैं. हरिओम यादव समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के दूर के रिश्तेदार हैं. समाजवादी पार्टी के विधानपरिषद सदस्य नरेंद्र सिंह भाटी, शतरुद्र प्रकाश, राम निरंजन, रविशंकर सिंह पप्पू, सीपी चंद्र, घनश्याम लोधी और शैलेंद्र प्रताप सिंह भी भाजपा में शामिल हो गए. इसी तरह भाजपा के तीन मंत्रियों- स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी ने विधानसभा चुनाव से ऐन पहले इस्तीफा दे दिया और सपा में शामिल हो गए. सपा में शामिल अन्य भाजपा विधायकों में बृजेश प्रजापति (बांदा में तिंदवारी), रोशनलाल वर्मा (शाहजहांपुर में तिलहर), भगवती प्रसाद सागर (कानपुर नगर में बिल्हौर), विनय शाक्य (औरैया में बिधूना), दिग्विजय नारायण उर्फ जय चौबे (खलीलाबाद) माधुरी वर्मा (बहराइच में नानपारा) और राकेश राठौर (सीतापुर) प्रमुख हैं. यह भी पढ़ें : ABG Shipyard Bank Fraud: कब हुआ एबीजी शिपयार्ड से जुड़ा 22,842 करोड़ का फ्रॉड? किस बैंक को लगा कितना चूना और कौन है आरोपी?
इसके अलावा सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ से अपना दल (सोनेलाल) विधायक अमर सिंह चौधरी सपा में शामिल हुए. आगरा के फतेहाबाद निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक जितेंद्र वर्मा भी सपा में शामिल हो गए. गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र से बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी जिन्हें बसपा से निष्कासित किया गया था, वे भी सपा में शामिल हो गए. उप्र विधानसभा में कांग्रेस के सात विधायक थे लेकिन दल बदल के बाद अब उसके पास तीन विधायक रह गए हैं. कांग्रेस से इस्तीफा देने वालों में नरेश सैनी (कांग्रेस से भाजपा); मसूद अख्तर (कांग्रेस से सपा); राकेश सिंह और अदिति सिंह (कांग्रेस से भाजपा) शामिल हैं.
बलिया जिले के बैरिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया और अब बिहार केंद्रित विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं. कई लोगों ने टिकट मिलने के बावजूद दल बदल किया. रामपुर में स्वार क्षेत्र से कांग्रेस से घोषित प्रत्याशी हैदर अली खान को भाजपा की साझीदार अपना दल (एस) ने उम्मीदवार बनाया है. बरेली कैंट से कांग्रेस उम्मीदवार सुप्रिया ऐरन अब सपा की ओर से चुनाव मैदान में हैं. अमेठी में जगदीशपुर की रचना कोरी सपा उम्मीदवार थीं, लेकिन नामांकन दाखिल करने के बाद भाजपा में शामिल हो गईं.