UP: कानपुर में बंजर जमीन पर ' बुलेट ' की मैन्युफैक्चरिंग से मिल रहा है युवाओं को रोजगार

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर साढ़ में बने डिफेंस कॉरिडोर में अदाणी ग्रुप का एम्युनिशन मैन्युफैक्चरिंग कॉम्प्लेक्स बनकर रोशन हो गया है. महज 15 माह में पहले जिस बंजर जमीन पर अन्न का दाना उगा पाना मुश्किल था, आज उसी भूमि ने 'बुलेट' का उत्पादन शुरू कर दिया गया है.

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कानपुर:उत्तर प्रदेश के कानपुर साढ़ में बने डिफेंस कॉरिडोर में अदाणी ग्रुप का एम्युनिशन मैन्युफैक्चरिंग कॉम्प्लेक्स बनकर रोशन हो गया है. महज 15 माह में पहले जिस बंजर जमीन पर अन्न का दाना उगा पाना मुश्किल था, आज उसी भूमि ने 'बुलेट' का उत्पादन शुरू कर दिया गया है.

लगभग 1,500 करोड़ रुपए से तैयार एम्युनिशन मैन्युफैक्चरिंग कॉम्प्लेक्स में अब स्मॉल, मीडियम और लार्ज गोलियों का उत्पादन होगा. यह न केवल रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की एक नई इबारत लिखेगा, बल्कि चार हजार परिवारों की आजीविका का रास्ता भी खोलेगा.

अदाणी समूह के इस प्लांट की पहली यूनिट में सबसे पहले छोटे हथियार रायफल लाइट मशीन गन (एलएमजी) समेत अलग-अलग तरह के अस्त्र-शस्त्र और सुविधाओं से संबंधित उत्पादों का निर्माण होगा. डिफेंस कॉरिडोर में अदाणी समूह के इस प्लांट की नींव पड़ने से साढ़ समेत आसपास के इलाकों में विकास और रोजगार बढ़ गया है.

साढ़ के दुकानदार रमेश पाल कहते हैं कि जहां पर यह क्षेत्र विकसित किया गया है, वहां की जमीन पहले बंजर थी, कुछ हिस्से में खेती होती थी. लेकिन, कुछ माह में यह इलाका गुलजार हो गया है. इसके कारण यहां पर मकान किराए पर उठने लगे हैं, जिसने स्थानीय लोगों के लिए अप्रत्यक्ष आमदनी का रास्ता खोला है.

समाजसेवी डॉक्टर अनंत त्रिपाठी कहते है कि पहले यह जमीन बंजर थी, सिर्फ कुछ इलाकों में एक आध लोग न के बराबर खेती करते थे. लेकिन, यह प्लांट बनने के बाद लोगों को रोजगार मिल रहा है. इसके अलावा कई तरह के स्थानीय रोजगार भी सामने आए हैं. यहां पर ठेले-खोमचे और चाय की दुकानदारी के साथ किरायेदारी के व्यवसाय में बहुत बढ़ोतरी हुई है. यहां पर जमीनों के दाम में भी बहुत उछाल आया है.

साढ़ निवासी जितेंद्र चौरसिया कहते हैं कि यहां पर फैक्ट्री बनने से होटल और किराये पर मकान देने का काम बढ़ गया है. डिफेंस कॉरिडोर में काम करने वाले मजदूर, मैकेनिक और इंजीनियर भी यहीं किराए पर रह रहे हैं. इसी कारण यहां चार-पांच होटल भी बने हैं. यहां पर प्लॉटिंग का धंधा बहुत तेजी से बढ़ रहा है. खाने-पीने का सामान खूब बिक रहा है.

रमईपुर के विकास सिंह कहते हैं कि यहां पर फैक्ट्री बनने से साढ़ के साथ मंझावन, सरसौल, गोपालपुर और कुंदौली इलाके तक रोजगार की धमक है. इन इलाकों के लोगों को मजदूरी से लेकर गार्ड तक का काम मिला है, जिन्हें सीधे कोई काम नहीं मिला है, वे लोग फैक्ट्री के लोगों के लिए खाने या फिर चाय की दुकानें चलाकर पैसे कमा कर रहे हैं.

बताया जा रहा है कि अभी यह पहला चरण है, इसके बाद वाले अन्य चरणों में फैक्ट्री का विस्तार होगा तो निश्चित रूप से रोजगार बढ़ेगा.

अदाणी पोर्ट्स के एमडी करण अदाणी ने एलान किया है कि कानपुर के साढ़ और रमईपुर क्षेत्र का विकास होगा. कॉम्प्लेक्स की दो मेगा यूनिट के बनने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 20 हजार लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. यहां के वंचित वर्ग के बच्चों की पढ़ाई सेना के स्कूलों में कराई जाएगी. साढ़ के पास बरईगढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अत्याधुनिक तकनीकी और स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस किया जाएगा। गोला बारूद कॉम्पलेक्स में सौर ऊर्जा संयंत्र और शत-प्रतिशत वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित किया गया है.

अदाणी डिफेंस एयरोस्पेस के ज्वाइंट प्रेसिडेंट अशोक वधावन कहते हैं कि डिफेंस कॉरिडोर में अदाणी समूह का एम्युनिशन कॉम्प्लेक्स 500 एकड़ में तैयार हो रहा है. अभी फिलहाल 15 माह में हमने 250 एकड़ पर काम शुरू किया है. दिसंबर 2022 में हमने घोषणा की थी और फरवरी 2024 में उत्पादन शुरू कर दिया है.

उन्होंने बताया कि अभी छोटे हथियारों की बुलेट तैयार हो रही है, जिसमें 5.46 से लेकर 7.62 शामिल हैं. एक वर्ष में कुल 15 करोड़ का उत्पादन हो रहा है. इसे बनाने में 500 करोड़ की लागत आई है. हमारी प्राथमिकता है कि आस-पास के इलाकों के लोगों को और यूपी के लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले.

 

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