इंफाल, 24 नवंबर मणिपुर के जिरीबाम जिले में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों द्वारा मारे गए छह लोगों में से तीन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके शरीर के विभिन्न हिस्सों पर गोली लगने के कई घाव और जख्म के निशान पाए गए हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि तीन वर्षीय चिंगखेनगांबा सिंह की रिपोर्ट से पता चला है कि उसकी दाहिनी आंख गायब थी और उसके सिर में गोली का घाव था।
रिपोर्ट में कटने से घाव, छाती में फ्रैक्चर और बांह तथा शरीर के अन्य हिस्सों पर घाव के निशान भी दर्ज किए गए हैं। 17 नवंबर को हस्ताक्षरित रिपोर्ट में बताया गया है कि बच्चे का शरीर “सड़ने की स्थिति” में था।
अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट में कहा गया है कि गुवाहाटी स्थित फोरेंसिक विज्ञान निदेशालय से विसरा के रासायनिक विश्लेषण की रिपोर्ट मिलने तक मौत के कारण का पता नहीं चल पाएगा।
पोस्टमार्टम असम के कछार जिले के सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसएमसीएच) में किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट में उसकी मां एल. हेतोनबी देवी (25) को लगी चोटों का भी विवरण दिया गया है, जिनके “सीने में तीन और नितंब में एक गोली लगी थी।”
रिपोर्ट के अनुसार, उनकी मृत्यु के लगभग सात दिन बाद 18 नवंबर को उनका शव एसएमसीएच लाया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि बच्चे की दादी वाई. रानी देवी (60) को पांच गोलियां लगीं - एक खोपड़ी में, दो छाती में, एक पेट में और एक हाथ में।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों महिलाओं के शरीर के कई हिस्सों पर गहरे जख्म के निशान पाए गए।
अधिकारियों ने बताया कि रानी देवी की मौत का कारण अभी पता नहीं चल पाया है, विसरा की रासायनिक विश्लेषण रिपोर्ट का इंतजार है। उन्होंने बताया कि एक और महिला और दो बच्चों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब भी लंबित है।
मेइती समुदाय के छह लोग जिरीबाम स्थित राहत शिविर से लापता हो गए थे। 11 नवंबर को सुरक्षा बलों और संदिग्ध कुकी-जो उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ में 10 उग्रवादियों की मौत हो गई थी।
अगले कुछ दिनों में उनके शव जिरीबाम जिले में जिरी नदी और असम के कछार में निकटवर्ती बराक नदी में पाए गए।
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