‘वैगनर ग्रुप’ भाड़े पर सैनिकों की भर्ती करने वाला रूस का निजी सैन्य संगठन है।
सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में नष्ट हुए वाहनों के पास माली के कई सैनिकों और श्वेत पुरुषों के शव बिखरे नजर आ रहे हैं।
विद्रोही गुटों का यह दावा माली की सेना की ओर से शुक्रवार रात जारी एक बयान के बाद आया है, जिसमें विद्रोहियों के हमले में दो सैनिकों के मारे जाने, 10 अन्य के घायल होने और दो बख्तरबंद गाड़ियों तथा दो पिकअप ट्रक के नष्ट होने की जानकारी दी गई थी।
बयान में सेना ने लगभग 20 विद्रोहियों को मार गिराने और उनके कई वाहनों को नष्ट करने का दावा भी किया था। हालांकि, दोनों पक्षों में से किसी के भी दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है।
स्वतंत्रता-समर्थक सीएसपी-डीपीए गठबंधन के प्रवक्ता मोहम्मद एल्माउलौद रमादान ने एक बयान में कहा कि तिनजावातेन गांव के बाहरी इलाके में दो दिन तक चली भीषण लड़ाई में विद्रोहियों ने “माली के सैनिकों और रूस के निजी सैन्य संगठन के लड़ाकों की पूरी टुकड़ी को करारी शिकस्त दी।”
रमादान ने दावा किया, “दुश्मन को जानमाल के भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। उसके दर्जनों सैनिक मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि “माली के कुछ सैनिकों और ‘वैगनर ग्रुप’ के कुछ सदस्यों ने तुआरेग लड़ाकों के सामने समर्पण कर दिया।” अगर उनके दावों में सच्चाई है, तो यह माली में ‘वैगनर ग्रुप’ को तुआरेग लड़ाकों से मिला सबसे बड़ा झटका है।
मोरक्को के थिंकटैंक ‘पॉलिसी सेंटर फॉर द न्यू साउथ’ की एक वरिष्ठ फेलो रिदा लियामौरी ने कहा कि यह लड़ाई सरकार के लिए संदेश है कि “जब उत्तर क्षेत्र पर दोबारा नियंत्रण हासिल करने की बात आएगी, तो चीजें इतनी आसान और सरल नहीं होंगी।”
लियामौरी ने आशंका जताई कि विद्रोहियों से मिले इस झटके के बाद आम लोगों पर सरकार और ‘वैगनर ग्रुप’ के लड़ाके का अत्याचार बढ़ सकता है।
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