जयपुर, 20 अक्टूबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जिला प्रशासन, चिकित्सा विभाग एवं स्थानीय निकाय आपसी समन्वय के साथ काम करते हुए बेहतर उपचार, स्वच्छता एवं जागरुकता बढ़ाकर मौसमी बीमारियों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण करें और किसी स्तर पर कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
गहलोत बुधवार को मौसमी बीमारियों एवं कोविड टीकाकरण अभियान की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया के चिकित्सा प्रबंधन के समक्ष बड़ी चुनौती पेश की है और तीसरी लहर की आशंका अभी बनी हुई है। ऐसे में कोई मौसमी बीमारी महामारी का रूप ना ले, इसके लिए जन सहयोग से पूरी तैयारी की जाए।
उन्होंने कहा कि जिला स्तर से लेकर गांव-ढाणी तक डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों के उपचार एवं बचाव के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित हों।
उन्होंने निर्देश दिया कि चिकित्सा विभाग डेंगू के दुष्प्रभावों को लेकर लोगों को जागरुक करे। उन्होंने स्थानीय निकायों को नियमित रूप से फॉगिंग करने व जिला प्रशासन को मौसमी बीमारियों की निरंतर निगरानी करने के निर्देश दिए।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में तीन नवंबर तक डेंगू मुक्त राजस्थान अभियान चलाया जा रहा है। मौसमी बीमारियों के प्रभावी नियंत्रण के लिए त्वरित प्रतिक्रिया दल का गठन किया गया है। साथ ही सभी जिलों में 24 घंटे का नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
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