बंगाल मंत्रिपरिषद, तृणमूल कांग्रेस संगठन में व्यापक फेरबदल की संभावना
Trinamool Congress (Photo Credit : Twitter)

कोलकाता, 30 जुलाई : स्कूल भर्ती घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद पार्टी अपने संगठन में आमूल-चूल बदलाव के साथ ही पश्चिम बंगाल मंत्रिपरिषद में भी व्यापक फेरबदल करने की तैयारी में है. सूत्रों ने कहा कि फेरबदल का उद्देश्य स्कूल भर्ती घोटाले की जांच से प्रभावित हुई पार्टी की छवि को बदलना भी होगा. तृणमूल कांग्रेस और राज्य सरकार, दोनों में प्रभावी भूमिका में रहे चटर्जी को गिरफ्तारी के बाद मंत्री पद से हटा दिया गया था और पार्टी से निलंबित कर दिया गया था.

ईडी ने मामले में पिछले सप्ताह चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था. अर्पिता के फ्लैट से करीब 50 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई है. पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को संकेत दिया था कि जल्द ही मंत्रिपरिषद में फेरबदल होगा. बनर्जी ने कहा था, ‘‘पार्थ दा को मंत्री पद से मुक्त कर दिया गया है. फिलहाल, मैं उनके मंत्रालयों को तब तक अपने पास रखूंगी जब तक कि मंत्रिपरिषद में फेरबदल नहीं हो जाता.’’ इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक, मंत्रिपरिषद में काफी समय से बदलाव की योजना बनाई जा रही थी, हालांकि, चटर्जी की गिरफ्तारी ने इस प्रक्रिया को तेज कर दिया. यह भी पढ़ें : सरकार का कर्तव्य न्यायोचित और समतावादी सामाजिक व्यवस्था सुनिश्चित करना है : न्यायमूर्ति चंद्रचूड़

तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई- से कहा, ‘‘यह विचार 1960 की कामराज योजना पर आधारित है, जब कांग्रेस के कई शीर्ष मंत्रियों ने पार्टी के लिए काम करने के वास्ते इस्तीफा दे दिया था. पिछले साल पार्टी के लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने के बाद हमारी इस योजना को आगे बढ़ाने पर बल दिया गया.’’