मुंबई,28 जनवरी : मुंबई की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके दो बेटों के खिलाफ धन शोधन के एक मामले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोपपत्र का शुक्रवार को संज्ञान लिया. विशेष धन शोधन रोकथाम अधनियम (पीएमएलए) अदालत के न्यायाधीश, आर.एन. रोकड़े ने आरोपपत्र का संज्ञान लेने के बाद आरोपियों के खिलाफ प्रक्रिया आगे बढ़ाई. गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में ईडी ने मामले के सिलसिले में 7,000 पृष्ठों का पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था. देशमुख के अलावा, जांच एजेंसी ने मामले में आरोपी के तौर पर उनके दो बेटों को नामजद किया था.
इससे पहले, जांच एजेंसी ने देशमुख के निजी सचिव (अतिरिक्त कलेक्टर रैंक के अधिकारी) संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे सहित 14 आरोपियों के खिलाफ एक आरोपपत्र दाखिल किया था. देशमुख को ईडी ने मामले के सिलसिले में पिछले साल एक नवंबर को गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में हैं. भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरूपयोग के आरोपों को लेकर देशमुख के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पिछले साल 21 अप्रैल को एक प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद ईडी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता तथा उनके सहयोगियों के विरूद्ध जांच शुरू की थी. यह भी पढ़ें : Mumbai: मुंबई में आभूषण की दुकान में चोरी के सिलसिले में 10 लोगों की गिरफ्तारी
ईडी ने यह मामला बनाया है कि देशमुख ने राज्य के गृह मंत्री पद पर रहने के दौरान अपने आधिकारिक पद का कथित तौर पर दुरूपयोग किया तथा पुलिस अधिकारी (अब बर्खास्त) सचिन वाझे के जरिए मुंबई में विभिन्न बार से 4.70 करोड़ रुपये की उगाही की. ईडी ने आरोप लगाया है कि यह धन नागपुर के श्री साईं शिक्षण संस्था को हस्तांतरित किया गया. इस शिक्षण न्यास की बागडोर देशमुख परिवार के हाथों में है. पलांडे और शिंदे ने बेहिसाबी धन का शोधन करने में अहम भूमिका निभाई थी.