पुणे: पढ़ाई के लिए अपने बेटे को नागपुर छोड़कर पुणे लौट रहे 52 वर्षीय शिक्षक की पत्नी और बेटी समेत शनिवार को बुलढाणा में हुए बस हादसे में मौत हो गई. शिक्षक के एक रिश्तेदार ने कहा कि यहां से लगभग 400 किलोमीटर दूर सिंदखेडराजा में समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर एक निजी बस के दुर्घटनाग्रस्त होने और उसमें आग लगने की घटना में मरने वाले 25 लोगों में ये तीन लोग भी शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि विधि पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाले बेटे आदित्य को नागपुर छोड़ने के बाद एक स्कूल में अंग्रेजी के शिक्षक कैलाश गंगावणे पत्नी कंचन और बेटी ऋतुजा के साथ यहां अंबेगांव तहसील स्थित अपने पैतृक गांव निर्गुडसर लौट रहे थे. Maharashtra Bus Accident: शिंदे ने समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाएं रोकने के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया
कैलाश के चचेरे भाई रूपेश गंगावणे ने कहा, ‘‘चारों बुधवार को नागपुर गए थे. हमें दुर्घटना के बारे में सुबह 5:30 बजे पता चला. हमारे एक पुलिसकर्मी रिश्तेदार ने मुझे सूचित किया कि तीनों के जले हुए शव एक-दूसरे से लिपटे हुए पाए गए.’’
रूपेश ने बताया कि वह और उनके परिजन शवों को लेने के लिए आगे की औपचारिकताएं पूरी करने के वास्ते बुलढाणा में थे. उन्होंने कहा, ‘‘परिवार मूल रूप से पुणे स्थित शिरूर तहसील का रहने वाला है. शिक्षक की नौकरी मिलने के बाद कैलाश परिवार के साथ निर्गुडसर में बस गए.’’
वहीं, हादसे में मारे गए एक अन्य यात्री के भाई अमर काले ने कहा कि बस हादसे में मारे गए लोगों के शव इतने जल गए हैं कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही है और उनकी पहचान के लिए डीएनए परीक्षण कराना होगा.
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