जयपुर, 13 दिसंबर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कानून व्यवस्था को लेकर मंगलवार को राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और सरकार पर करौली की सांप्रदायिक घटना की जांच में भेदभाव करने का आरोप लगाया।
शेखावत ने आरोप लगाया कि राज्य में अलग-अलग तरह के माफिया के हौसले बुलंद हैं जबकि जनता में भय है।
शेखावत यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा,“राज्य में ‘गैंगवॉर’ हो रही है और अलग अलग तरह का माफिया सक्रिय है और उनके हौसले बुलंद हुए हैं जबकि जनता में भय व्याप्त है।”
भाजपा नेता ने राज्य सरकार पर करौली की घटना की जांच में भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के ‘तुष्टिकरण’ के रवैये के कारण उसी तरह की घटनाएं भीलवाड़ा और जोधपुर में भी घटित हुईं।
उल्लेखनीय है कि दो अप्रैल को नवसंवत्सर पर शोभायात्रा पर पथराव की कथित घटना के बाद करौली शहर में साम्प्रदायिक हिंसा हुई थी और कई दिन तक कर्फ्यू लगा रहा।
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस सरकार पर ‘हिन्दुओं का उत्पीड़न’ करने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की ‘हिन्दू विरोधी’ सोच और केवल अपना वोट बैंक साधने की वजह से राजस्थान में अलगाववादी ताकतों के हौंसले बुलंद हुये हैं जो “समाज को बांटने, मजहब के आधार पर समाज को तोड़ने के लिये प्रयासरत हैं।”
उन्होंने दावा किया, “बीते चार वर्ष में राज्य कांग्रेस सरकार के इस जंगलराज, भ्रष्टाचार और कुशासन के कारण जनता के मन में जो गुस्सा है, उसको संतुलित करने के लिये राज्य के 200 विधानसभाओं में भाजपा की ओर जन आक्रोश यात्राएं निकाली जा रही है। इन यात्राओं की शुरुआत एक दिसंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा की उपस्थिति में हुई।”
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि 200 रथों ने अब तक राज्य की 94 हजार किलोमीटर की यात्रा तय की है और 50 हजार 367 से ज्यादा छोटी बड़ी नुक्कड़ सभाएं आयोजित की गई हैं।
उन्होंने कहा, “यात्रा के दौरान जनता की शिकायतों को पंजीकृत करने के लिये हमने दो तरह की पद्धति अपनाई थी। एक पेटिका रखी गई थी जिसमें लिखित रूप से शिकायत डाली जा सकती थी और इसके साथ ही वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती थी।”
उन्होंने कहा कि केवल वेबसाइट पर लगभग तीन लाख शिकायतें अब तक दर्ज हुईं हैं और पार्टी की ओर से सरकार के खिलाफ जारी आरोप पत्र की 75 लाख प्रतियां बांटी गई हैं।
उन्होंने कहा कि इसी क्रम में 15 से 31 दिसंबर तक विधानसभा स्तर पर बड़ी जन आक्रोश सभाएं आयोजित की जायेंगी।
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