देश की खबरें | मध्यप्रदेश : मंदसौर में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हुई, विशेष जांच दल गठित

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य शासन ने इस घटना के समग्र पहलुओं की जांच के लिये मध्य प्रदेश गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा की अध्यक्षता में मंगलवार को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल गठित किया है।

मंदसौर जिले के पिपलियामंडी पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक ओपी तंतवार ने बताया, ‘‘शराब पीने से बीमार हुए तीन लोगों की मंगलवार को इलाज के दौरान मौत हुई है। इनमें गोपाल नायक (35), बृजेश गुर्जर (40) और अनिल कैथवास (40) शामिल हैं। ये तीनों पिपलियामंडी के निवासी थे।’’

उन्होंने कहा कि इलाज के दौरान मरे लोगों ने कथित तौर पर एक ढाबे से शराब खरीदी थी। इससे पहले मंदसौर जिले के पिपलियामंडी थाना इलाके के खखराई गांव में शनिवार और रविवार की दरमियानी रात को किराने की एक दुकान से खरीदी गई शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि, उनकी मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है।

इस बीच, मंदसौर के जिला अस्पताल में भर्ती 23 वर्षीय एक मरीज ने बताया कि उसने शराब की एक दुकान से शराब खरीदी थी, लेकिन पीने के बाद उसके दृष्टि धुंधली होने लगी।

25 वर्षीय एक अन्य मरीज ने पत्रकारों को बताया कि उसने एक ढाबे से शराब खरीदी थी और उसे पीने के बाद उसे बेचैनी महसूस होने लगी।

वहीं, मंदसौर के कलेक्टर मनोज पुष्प ने बताया कि पिपलियामंडी में अवैध रूप से संचालित उस ढाबे को मंगलवार को ध्वस्त कर दिया गया।

मंदसौर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. के डी शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि मंगलवार को शराब पीने के बाद दो लोगों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति की निजी अस्पताल में मौत हो गई जबकि एक अन्य की मंगलवार को जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हुई। पिपलिया मंडी में भी एक व्यक्ति की मौत हुई। इन सभी लोगों की मौत शराब पीने से हुई।

इसी बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को भोपाल स्थित मंत्रालय में अवैध शराब की रोकथाम के संबंध में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जहरीली शराब से मौत, हत्या से कम नहीं है। जहरीली शराब बनाने और बेचने को संगीन अपराध की श्रेणी में रखा जाए और कठोरतम दंड की व्यवस्था की जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस संबंध में कानून में आवश्यक संशोधन किए जाए। संपूर्ण प्रदेश में अवैध मदिरा के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से अभियान शुरू किया जाए।’’

चौहान ने कहा, ‘‘मंदसौर के ग्राम खखराई में हुई घटना के दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाए। अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा संपूर्ण प्रकरण की जांच कर तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करें।’’ मुख्यमंत्री ने अवैध शराब के उत्पादन और व्यापार पर नियंत्रण के उपायों पर कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिए।

इस बीच, कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार घटना को छिपाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा के विधानसभा क्षेत्र में हुए इस कांड में मरने वालों की संख्या भी छिपाने का प्रयास किया जा रहा है।

कमलनाथ ने एक बयान में कहा कि नकली शराब कांड में पीड़ितों के लिए कोई राहत या आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी सरकार ने नहीं की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार शराब व्यापार में शामिल माफिया को बचाने की कोशिश कर रही है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस जहरीली शराब कांड मामले में अब तक थाना प्रभारी पिपल्यामण्डी, कार्यवाहक उप निरीक्षक और आबकारी उप निरीक्षक को निलंबित किया गया है। सं रावत धीरज

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