जरुरी जानकारी | वृहद आंकड़े, पहली तिमाही के नतीजे, वैश्विक रुझान तय करेंगे शेयर बाजार की चाल

नयी दिल्ली, 10 जुलाई स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वृहद आर्थिक आंकड़ों तथा कंपनियों के तिमाही नतीजों से तय होगी। इसके अलावा वैश्विक रुझान और विदेशी कोषों का रुख भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।

विश्लेषकों का कहना है कि बाजार भागीदारों की निगाह इसके साथ ही रुपये के उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह बाजार भागीदार सबसे पहले टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के तिमाही नतीजों पर प्रतिक्रिया देंगे। इसके अलावा 12 जुलाई को औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) तथा 14 जुलाई को थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़े आने हैं। घरेलू घटनाक्रमों के अलावा अमेरिकी बाजारों का रुख तथा कच्चे तेल के दाम निवेशकों की रडार पर रहेगा।

टीसीएस का जून तिमाही का नतीजा शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद आया था। तिमाही के दौरान कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ 5.2 प्रतिशत बढ़कर 9,478 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इसके अलावा तिमाही के दौरान कंपनी की आय 16.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 52,758 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।

ब्रोकरेज कंपनी प्रभुदास लीलाधर का कहना है कि राजस्व और मार्जिन दोनों मोर्चों पर कंपनी लक्ष्य से चूकी है।

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि सप्ताह के दौरान एसीसी, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, जिंदल स्टील एंड पावर, माइंड ट्री, फेडरल बैंक और एचडीएफसी बैंक भी अपने जून तिमाही के नतीजों की घोषणा करेंगे।

मीणा ने कहा, ‘‘आईआईपी और सीपीआई के आंकड़े 12 जुलाई को और डब्ल्यूपीआई के 14 जुलाई को आएंगे। वैश्विक मोर्चे पर बात की जाए, तो अमेरिका के सीपीआई, आईआईपी और रोजगार के आंकड़े बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेंगे।’’

उन्होंने कहा कि इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का रुख, रुपये की दिशा और कच्चे तेल के दाम भी बाजार की चाल तय करेंगे।

सैमको सिक्योरिटीज में प्रमुख (बाजार परिदृश्य) अपूर्व सेठ ने कहा, ‘‘इस सप्ताह कई घटनाक्रम बाजार के लिए महत्वपूर्ण होंगे। बाजार भागीदारों की निगाह अमेरिका के बहुप्रतीक्षित मुद्रास्फीति के आंकड़ों और बेरोजगारी दावों पर रहेगी।’’

उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति की समस्या सिर्फ पश्चिम में नहीं है। ऐसे में भारत के मुद्रास्फीति के आंकड़े भी महत्वपूर्ण होंगे।

सेठ ने कहा, ‘‘कंपनियों के तिमाही नतीजे बाजार की धारणा को प्रभावित करेंगे। भविष्य के लिए कंपनियां क्या राय जताती हैं उसमें भी दलाल स्ट्रीट की काफी रुचि रहेगी।’’

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