देश की खबरें | दिल्ली के उपराज्यपाल ने आप सरकार से श्रम कल्याण बोर्ड के लिए नाम भेजने को कहा

नयी दिल्ली, 25 मार्च दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच एक और टकराव की स्थिति बनती नजर आ रही है क्योंकि उपराज्यपाल सक्सेना ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार से उपयुक्त सदस्यों की नियुक्ति कर श्रम कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन करने या मामले पर राय देने के लिए कहा है ताकि इसे राष्ट्रपति को भेजा जा सके। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

इस मामले पर आप की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।

उपराज्यपाल और आप सरकार के बीच पिछले कुछ महीनों में कई विवाद हुए हैं, जिसमें भ्रष्टाचार की शिकायतों पर सक्सेना द्वारा दिए गए जांच के आदेश और फिनलैंड में प्रशिक्षण के लिए शिक्षकों को भेजने का मुद्दा भी शामिल है।

सदस्यों की नियुक्ति के लिए पात्रता मानदंड पर गतिरोध के कारण दो साल बाद भी श्रम कल्याण निकाय कार्यकारी बोर्ड के बिना कार्य कर रहा है।

उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल ने बोर्ड के गठन में ऐसे सदस्यों को शामिल करने को कहा है जिनके पास श्रम कल्याण में विशेषज्ञता है या इस संबंध में अलग विचार होने पर उन्हें फाइल भेजने को कहा।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘आप सरकार ने जून, 2021 से सितंबर, 2022 के बीच 14 महीने से अधिक समय तक दिल्ली श्रम कल्याण बोर्ड (डीएलडब्ल्यूबी) के पुनर्गठन से संबंधित फाइल को अपने पास रखा और अंतत: उन्होंने 12 सितंबर, 2022 को उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए नामों के साथ प्रस्ताव भेजा।’’

उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि तत्कालीन श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा प्रस्तावित और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अनुमोदित नाम ऐसे सदस्यों के चयन के मानदंड के अनुसार नहीं थे।

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