मुंबई, 10 मई महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की आलोचना की और आगाह किया कि सरकार उनकी पार्टी के ''धैर्य की परीक्षा'' न ले।
राज ने मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में शायद पहली बार अपने चचेरे भाई को ''उद्धव ठाकरे'' कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 28,000 से अधिक मनसे कार्यकर्ताओं को प्रतिबंधात्मक नोटिस दिए गए हैं, जबकि हजारों कार्यकर्ताओं को तड़ीपार किया गया है।
उन्होंने पूछा “यह (पुलिस कार्रवाई) किस लिए है? ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाली मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाने के लिए?”
उन्होंने कहा कि पुलिस महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेताओं की ऐसे तलाश कर रही है जैसे कि वे पाकिस्तानी आतंकवादी या तत्कालीन निजाम शासन के 'रजाकार' हों।
मनसे प्रमुख ने हैरानी जताते हुए कहा,''यह मुझे सोचने पर मजबूर करता है कि क्या पुलिस ने आतंकवादियों या मस्जिदों में छिपे हथियारों का पता लगाने के लिए वही सख्ती दिखाई।''
उन्होंने कहा कि मराठी लोग और हिंदू राज्य सरकार के इस रुख को देख रहे हैं।
राज ठाकरे ने इससे पहले राज्य सरकार को 4 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम दिया था और चेतावनी दी थी कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो मस्जिदों के बाहर तेज आवाज में 'हनुमान चालीसा' बजाया जाएगा।
राज ने कहा, “मैं राज्य सरकार से बस यही कहना चाहता हूं कि हमारे धैर्य की परीक्षा न लें। सत्ता का ताम्रपत्र लेकर कोई नहीं आया है। आप भी नहीं, उद्धव ठाकरे।''
राज ठाकरे के अल्टीमेटम पर राज्य सरकार ने कहा था कि केंद्र सरकार को जन संबोधन प्रणाली के इस्तेमाल को लेकर नीति बनानी चाहिए।
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