पुरी(ओडिशा), एक जुलाई भगवान जगन्नाथ और उनके दिव्य भाई-बहन के रथों के लौटने का उत्सव (बहुड़ा यात्रा) कड़ी सुरक्षा एवं कर्फ्यू के बीच श्रद्धालुओं के बिना बुधवार को शुरू हुआ।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर यह समुद्र तटीय तीर्थ नगरी बंद है।
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भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र और उनकी बहन देवी सुभद्रा के रथों के 12 वीं सदी के मंदिर लौटने की यात्रा शुरू होने के चलते प्रशासन ने लोगों से घरों पर ही रहने और टीवी पर इस धार्मिक रस्म को देखने की अपील की है।
विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा 23 जून को शुरू हुई थी। इस बार यह श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बिना ही आयोजित की जा रही है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने 22 जून को सिर्फ पुरी में इसकी अनुमति तो दे दी थी लेकिन साथ में यह शर्त भी लगा दी कि इसमें सीमित संख्या में सेवादार शामिल होंगे और कोई भीड़ नहीं लगनी चाहिए।
तीनों देवी-देवता अपनी वार्षिक नौ दिनों की यात्रा श्री गुंडीचा मंदिर में संपन्न करेंगे, जो उनका जन्म स्थान है। वे अब बहुड़ा यात्रा के दौरान लकड़ी से बने रथों पर अभी श्री मंदिर या श्री जगन्नाथ मंदिर लौट रहे हैं।
श्री गुंडीचा मंदिर और मुख्य मंदिर के बीच स्थित मुख्य सड़क के दोनों ओर हर साल देश-विदेश से आये श्रद्धालाओं की भारी भीड़ रहती थी, लेकिन इस बार यह सूना है।
पुरी जिला कलेक्टर बलवंत सिंह ने कहा कि रथ यात्रा के लिये शीर्ष न्यायालय के आदेश के अनुपालन में सभी इंतजाम किये गये हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘ग्रांड रोड पर श्रद्धालुओं को आने की अनुमति नहीं है। पुरी शहर में आने के लिये सभी प्रवेश स्थान सील कर दिये गये हैं और श्रद्धालुओं से घर पर ही रहने तथा टीवी पर बहुड़ा यात्रा देखने का अनुरोध किया गया है।’’
उन्होंने कहा कि सेवादारों, पुलिसकर्मियों और मंदिर अधिकारियों सहित 5,500 से अधिक लोगों की कोविड-19 जांच कराई गई और सिर्फ उन्हीं को इस कार्यक्रम में सेवा देने और रथ खींचने में हिस्सा लेने की अनुमति दी गई है जिनमें कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने बताया कि बहुड़ा यात्रा में शामिल सभी सेवादारों की कोविड-19 जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।
रथ यात्रा से पहले मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने तैयारियों की समीक्षा की थी और पुरी प्रशासन से निर्बाध बहुड़ा यात्रा सुनिश्चित करने के लिये कहा था।
सुरक्षा बलों की 70 से अधिक पलटनें तैनात की गई हैं और लोगों की भीड़ जमा होने से रोकने के लिये कई स्थानों पर अवरोधक लगाए गये हैं। उल्लेखनीय है कि एक पलटन में करीब 33 कर्मी होते हैं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सौमेंद्र प्रियदर्शी ने कहा कि मंगलवार को रात 10 बजे से शुरू हुआ कर्फ्र्यू बृहस्पतिवार रात 10 बजे तक जारी रहेगा।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिसकर्मी सख्त निगरानी कर रहे हैं और बड़ा डंडा पर काफी संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए गये हैं।
श्री गुंडीचा मंदिर से देवी-देवताओं को बाहर लाने और वापसी यात्रा के लिये ‘जय जगन्नाथ’ और ‘हरि बोल’ के उदघोष के बीच उन्हें तीन भव्य रथों पर विराजमान करने से पहले विशेष अनुष्ठान किये गये
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