देश की खबरें | लोकपाल को 2021-22 में मिली भ्रष्टाचार की 5,680 शिकायतें

नयी दिल्ली, 29 जून भ्रष्टाचार रोधी निकाय लोकपाल को 2021-22 के दौरान 5,680 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 5,100 से अधिक अभी तक दर्ज नहीं की गई हैं। एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) के जवाब में यह जानकारी दी गई है।

आरटीआई दाखिल करने के बाद मिले जवाब के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में मिली कुल शिकायतों में से 169 शिकायतें निर्धारित प्रारूप में थीं, जबकि 5,511 निर्धारित प्रारूप में नहीं थीं।

सरकार ने मार्च 2020 में लोकपाल में लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतें दर्ज कराने के लिए एक प्रारूप तय किया था।

लोकपाल ने ‘पीटीआई’ के एक पत्रकार द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में बताया कि 2021-22 में विभिन्न एजेंसियों के पास 61 शिकायतें लंबित हैं, जो निर्धारित प्रारूप में नहीं थीं। वहीं, 5,101 शिकायतें अभी तक दर्ज नहीं की गई हैं।

जवाब के अनुसार, 2020-21 में उसे कुल 2,355 शिकायतें मिलीं, जिसमें से 131 निर्धारित प्रारूप में थीं और 2,224 निर्धारित प्रारूप में नहीं थीं। इनमें से 1,579 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है।

सभी शिकायतकर्ताओं को अनिवार्य रूप से ‘नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पेपर’ पर एक हलफनामा देना होता है, जिसमें अन्य बातों के अलावा उल्लेख किया जाता है कि ‘‘कोई भी झूठी, तुच्छ या पेरशान करने वाली शिकायत करने पर कारावास की सजा हो सकती है, जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और एक लाख का जुर्माना भी हो सकता है, जिसे भी बढ़ाया जा सकता है।’’

लोकपाल प्रधानमंत्री सहित सार्वजनिक पद पर काबिज लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने वाली शीर्ष निकाय है, जो पिछले एक महीने से अपने नियमित प्रमुख के बिना काम कर रही है।

न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष के 27 मई को सेवानिवृत्त होने के बाद से लोकपाल के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती अध्यक्ष पद का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं।

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