मैसूरु, 28 नवंबर मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) स्थल आवंटन मामले की जांच कर रही लोकायुक्त पुलिस ने बृहस्पतिवार को अपने पूर्व आयुक्त पी. एस. कांताराजू से पूछताछ की। लोकायुक्त सूत्रों ने यह जानकारी दी।
कांताराजू सितंबर 2017 से नवंबर 2019 तक दो वर्षों तक एमयूडीए के आयुक्त थे।
जांच का ब्योरा अभी उपलब्ध नहीं है।
इस मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उनकी पत्नी पार्वती बी. एम., उनके रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी और अन्य आरोपी हैं।
एमयूडीए मामले में आरोप है कि सिद्धरमैया की पत्नी से अधिगृहित जमीन के बदले उन्हें मैसूरु के एक रिहायशी इलाके में भूखंड आवंटित किया गया था, जिसका संपत्ति मूल्य उनकी भूमि के स्थान की तुलना में अधिक था।
एमयूडीए ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50 अनुपात 50 योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे, जहां आवासीय ‘लेआउट’ विकसित किया गया था।
विवादास्पद योजना के तहत, एमयूडीए ने आवासीय ‘लेआउट’ बनाने के लिए भूमि खोने वालों को उनसे अधिगृहित अविकसित भूमि के बदले में 50 प्रतिशत विकसित भूमि आवंटित की।
आरोप है कि मैसूरु तालुका के कसाबा होबली के कसारे गांव के सर्वे नंबर 464 में स्थित 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी हक नहीं है।
कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय ने इस ‘घोटाले’ की जांच शुरू कर दी है।
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