पुणे, 25 सितंबर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि देश में कम से कम 600 मेडिकल कॉलेज, 50 एम्स जैसे संस्थान और 200 सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की जरूरत है। इसके साथ उन्होंने कहा कि अवसंरचना विकास क्षेत्र की तरह ही स्वास्थ्य और शिक्षा में भी सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की साझेदारी की जरूरत है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने महाराष्ट्र के सतारा जिले के कराड में कोविड-19 योद्धाओं के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में यह कहा। गडकरी ने कहा कि सहकारी क्षेत्र को भी चिकित्सा सुविधाओं की स्थापना के लिए आगे आना चाहिए।
उन्होंने कहा, “एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत में मैंने उन्हें वेंटिलेटर की कमी की समस्या के बारे में बताया था। उन्होंने मुझसे पूछा कि देश में कितने वेंटिलेटर हैं, इस पर मैंने जवाब दिया कि लगभग ढाई लाख होंगे। लेकिन उन्होंने मुझे बताया कि जब देश में कोरोना वायरस जनित महामारी फैली थी तब केवल 13,000 वेंटिलेटर थे।” गडकरी ने कहा कि उस समय ऑक्सीजन, बिस्तर और चिकित्सा सुविधाओं की कमी थी लेकिन डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों ने बहुत मदद की। उन्होंने कहा, “मैं उनके कार्य की सराहना करता हूं।”
मंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पतालों के अलावा सहकारी और निजी क्षेत्रों द्वारा स्थापित चिकित्सा सुविधाओं का योगदान सराहनीय था।
गडकरी ने कहा, “सड़क और अवसंरचना विकास क्षेत्र में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के साझा निवेश के मॉडल को स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में भी अपनाया जाना चाहिए। देश में कम से कम 600 मेडिकल कॉलेज, 50 एम्स जैसे संस्थान और 200 सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की जरूरत है। सरकार उन सामाजिक संस्थानों को भी सहायता देने के बारे में सोच रही है जो चिकित्सा और शिक्षा क्षेत्र में काम कर रहे हैं।”
मंत्री ने हर तहसील में कम से कम एक पशु अस्पताल स्थापित करने की जरूरत को भी रेखांकित किया।
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