नयी दिल्ली, 20 नवंबर दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने बुधवार को दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कार्यरत 295 मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) की लंबे समय से लंबित पदोन्नति को मंजूरी दे दी। राजनिवास के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि ये पदोन्नतियां दिल्ली स्वास्थ्य सेवा (एलोपैथी) नियम, 2009 के तहत की गई हैं।
उन्होंने बताया कि सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं के समाधान के प्रयासों के तहत, दिल्ली के उपराज्यपाल ने समय पर पदोन्नति, करियर में प्रगति और बेहतर कार्य स्थितियों को सुनिश्चित करने के लिए 295 मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) की पदोन्नति को मंजूरी दी है।
विज्ञप्ति के मुताबिक महर्षि वाल्मीकि अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक की पदोन्नति एक महिला चिकित्सक द्वारा उनके खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले के कारण रोक दी गई है।
विज्ञप्ति में कहा गया कि 302 सीएमओ की पदोन्नति पर विचार किया गया जिनमें से 295 को योग्य पाया गया। एक मामले को सतर्कता जांच के नतीजे आने तक रोक दिया गया है, जबकि छह अन्य को पदोन्नति के लिए अयोग्य माना गया है।
इसमें कहा गया कि उपराज्यपाल कार्यालय ने यह कदम सरकारी कर्मचारियों के लिए समय पर पदोन्नति, करियर विकास और बेहतर सेवा शर्तों को सुनिश्चित करने के लिए सक्सेना के निरंतर प्रयासों के तहत उठाया है।
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