अगरतला, 27 जून त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने रविवार को राज्य की भाजपा नीत सरकार पर हमला बोलते हुए उस पर कानून-व्यवस्था कायम रखने में नाकाम रहने का आरोप लगाया।
राज्य की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सरकार ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस हिंसा की घटनाओं पर आंखें मूंदे बैठी है और ''भाजपा से आश्रय प्राप्त गुंडों'' के हाथों की ''कठपुतली'' बनकर रह गई है।
सरकार ने दावा किया, ''राज्य के विभिन्न भागों में लिंचिंग और पुलिस व न्यायिक हिरासत में मौतों की घटनाएं सामने आ रही हैं। भाजपा से आश्रय प्राप्त गुंडे माकपा के कार्यालयों और पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमले करते रहे हैं। राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।''
माकपा के वरिष्ठ नेता सरकार ने कहा कि पार्टी ने मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक और राज्यपाल के समक्ष यह मुद्दा उठाया, लेकिन हिंसा को रोकने के लिये कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने कहा, ''यहां कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है।''
सरकार ने कहा कि मार्च के तीसरे हफ्ते में मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद से हमले की लगभग 200 घटनाएं हो चुकी हैं। 12 मई को राज्यपाल के आश्वासन के बाद से 70-75 हमले हो चुके हैं।
उन्होंने कहा, ''यदि राज्य में कानून का शासन कायम नहीं किया जाता तो हमारे पास जन आंदोलन करने े पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने रविवार को राज्य की भाजपा नीत सरकार पर हमला बोलते हुए उस पर कानून-व्यवस्था कायम रखने में नाकाम रहने का आरोप लगाया।
एजेंसी न्यूज
Bhasha|
Jun 27, 2021 08:50 PM IST
अगरतला, 27 जून त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने रविवार को राज्य की भाजपा नीत सरकार पर हमला बोलते हुए उस पर कानून-व्यवस्था कायम रखने में नाकाम रहने का आरोप लगाया।
राज्य की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सरकार ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस हिंसा की घटनाओं पर आंखें मूंदे बैठी है और ''भाजपा से आश्रय प्राप्त गुंडों'' के हाथों की ''कठपुतली'' बनकर रह गई है।
सरकार ने दावा किया, ''राज्य के विभिन्न भागों में लिंचिंग और पुलिस व न्यायिक हिरासत में मौतों की घटनाएं सामने आ रही हैं। भाजपा से आश्रय प्राप्त गुंडे माकपा के कार्यालयों और पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमले करते रहे हैं। राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।''
माकपा के वरिष्ठ नेता सरकार ने कहा कि पार्टी ने मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक और राज्यपाल के समक्ष यह मुद्दा उठाया, लेकिन हिंसा को रोकने के लिये कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने कहा, ''यहां कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है।''
सरकार ने कहा कि मार्च के तीसरे हफ्ते में मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद से हमले की लगभग 200 घटनाएं हो चुकी हैं। 12 मई को राज्यपाल के आश्वासन के बाद से 70-75 हमले हो चुके हैं।
उन्होंने कहा, ''यदि राज्य में कानून का शासन कायम नहीं किया जाता तो हमारे पास जन आंदोलन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।''
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