पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में मिली सफलता, भारतीय क्रिकेट के महानतम प्रदर्शन में से एक: सुनील गावस्कर
कप्तान सुनील गावस्कर (Photo Credits : Twitter)

मुंबई, 12 जनवरी : पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में चोटों से जूझने के बावजूद भारत की अविश्वसनीय टेस्ट जीत को याद करते हुए महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने कहा कि यह प्रदर्शन टीम की अब तक की सबसे बड़ी सफलता में से एक है और इसे देश के क्रिकेट इतिहास का स्वर्णिम अध्याय माना जा सकता है. श्रृंखला के पहले टेस्ट की दूसरी पारी में अपने सबसे कम स्कोर महज 36 रन पर आउट होने और करारी शिकस्त झेलने के बाद भारतीय टीम ने शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराया. अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में टीम ने मेलबर्न में जीत दर्ज की और फिर सिडनी में मुश्किल परिस्थियों में रविचंद्रन अश्विन और हनुमा विहारी के संघर्ष ने मैच को ड्रा करवाया. ऑस्ट्रेलिया का अभेद्य किला माना जाने वाला गाबा (ब्रिसबेन) मैदान पर खेले गये निर्णायक मैच में भारत ने आखिरी दिन ऋषभ पंत की शानदार बल्लेबाजी से यादगार जीत दर्ज की.गावस्कर ने कहा, ‘‘ पिछले साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में भारत की जीत भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी सफलता में से एक मानी जाएगी.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अपने सबसे कम टेस्ट स्कोर 36 रन पर आउट होने के बाद मनोबल को उठाना और फिर एक बड़ी टीम को उसकी घरेलू सरजमीं पर हराना खिलाड़ियों के दृढ़ संकल्प के अलावा कप्तान, कोच रवि शास्त्री और उनके समर्थन समूह द्वारा निभाई गई नेतृत्व भूमिकाओं को दर्शाता हैं. ’’ पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ मुझे इस दौरान वहां मौजूद रहने और भारतीय क्रिकेट के इतिहास के एक सुनहरा अध्याय को देखने का सौभाग्य मिला.’’ भारत की जीत की एक साल पूरा होने के जश्न को मनाने के लिए, ‘सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क‘ ने ‘डाउन अंडरडॉग्स - इंडियाज ग्रेटेस्ट कमबैक’ नामक एक विशेष डॉक्यूमेंट्री-श्रृंखला का निर्माण किया है, जिसका प्रीमियर (प्रसारण) 14 जनवरी को होगा और इसमें 72 साल के गावस्कर की टिप्पणी भी है.

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क उस दौरे पर मनोबल तोड़ने वाली शुरुआती हार के बाद जिस तरह से भारत ने संघर्ष किया उसके लिए वह हर तरह के श्रेय का हकदार है. क्लार्क ने कहा, ‘‘भारत ने एक ऐसा गेंदबाजी आक्रमण चुना, जो काम कर गया.’’ विश्व कप विजेता दायें हाथ के इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ अलग-अलग गेंदबाज, क्योंकि हर कोई एक जैसी गेंदबाजी नहीं करता है. अलग-अलग रणनीति, अलग-अलग कौशल और इन सब का सही तरीके से इस्तेमाल का श्रेय भारत को जाता है. ऑस्ट्रेलिया ने भी पहले टेस्ट की सफलता के बाद शायद भारत को हलके में ले लिया होगा.’’