भोपाल, 18 मध्य प्रदेश में पारंपरिक उत्साह के साथ होली मनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर निकले। कोविड-19 की महामारी की तीसरी लहर के बाद दो साल बाद पहली बार प्रतिबंधों से मुक्त होली मनाने के लिए लोगों में काफी उत्साह देखा गया।
होली के मौके पर लोग बड़ी संख्या में एकत्र हुए। लोगों ने दूसरे को रंग-गुलाल लगाया और ‘होली है के नारे’ के साथ मिठाई बांटी।
पिछले दो सालों से कोरोना वायरस की वजह से लागू प्रतिबंधों के चलते होली का त्योहार फीका रहा था और लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए घर में रहने के निर्देश दिए गए थे।
बुराई पर अच्छाई की जीत और समानता के प्रतीक, होली के त्योहार को मनाने के लिए लोग समूहों में सुबह ही अपने घरों से मौज मस्ती करने के लिए निकल पड़े। उन्हें क्लब व होटलों में बॉलीबुड गीत ‘ रंग बरसे ’ की धुन और अन्य गानों पर नाचते गाते हुए प्रदेश भर में एक-दूसरे पर रंग डालते हुए देखा गया।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोविड-19 के दैनिक मामलों में गिरावट को देखते हुए हाल में धूमधाम और उल्लास के साथ होली मनाने के लिए कहा था।
पेड़ों को बचाने के वास्ते होलिका जलाने के लिए लकड़ी के स्थान पर गौकाष्ठ को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाया गया है।
अनुमान के अनुसार, बृहस्पतिवार को होलिका दहन के लिए भोपाल के केंद्रों से 4,125 क्विंटल ‘ गौकाष्ठ ’ (गाय के गोबर से बने जलाऊ उपले) बेचा गया है।
मुख्यमंत्री ने होलिका जलाने के लिए गौकाष्ठ का इस्तेमाल किया है।
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