देश की खबरें | कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त होने वाले 14 लोगों के यकृत में बड़े फोड़े मिलेः चिकित्सक

नयी दिल्ली, 22 जुलाई कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त होने वाले 14 मरीजों के यकृत में ‘असमान्य बड़े’ और कई फोड़े पाए गए। इनमें से एक मरीज की पेट में अत्यधिक रक्त स्राव से मौत हो गई। कोविड-19 के उपचार के दौरान 14 मरीजों में से आठ को स्टेरॉइड की खुराक दी गई थी। शहर के एक प्रमुख निजी अस्पताल के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

डॉक्टरों ने बताया कि यकृत में फोड़े (लीवर में मवाद बनना) आम तौर पर एंटअमीबा हिस्टोलिटिका नामक परजीवी की वजह से होते हैं, जो दूषित भोजन और जल की वजह से संचारित होता है। डॉक्टरों ने बताया कि ये मरीज (10 पुरुष और चार महिला) 28-74 आयु वर्ग के हैं और इन्हें पिछले दो महीनों में अस्पताल में लाया गया था।

अस्पताल के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘ हमने दो महीनों में कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त होने वाले 14 मरीजों में पहली बार यकृत (लीवर) में इस तरह के असमान्य बड़े फोड़े देखे।’’

डॉक्टरों को संदेह है कि खराब पोषण और स्टेरॉइड की खुराक लेने से मवाद बनी और यकृत को नुकसान पहुंचा।

सर गंगा राम अस्पताल के लीवर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पैन्क्रियाटिकबिलरी साइंसेज के अध्यक्ष डॉक्टर अनिल अरोड़ा ने बताया कि कोविड-19 से मुक्त होने के 22 दिन के भीतर यकृत के दोनों हिस्सों के बड़े दायरे मवाद से भर गए। ऐसी स्थिति में मरीज को अस्पताल में भर्ती करने और मवाद को बाहर निकलने की प्रक्रिया की जरूरत थी।

इनमें से 13 मरीजों की जान तो बच गई लेकिन एक मरीज की मौत पेट में अत्यधिक रक्त स्राव की वजह से हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि ये सभी मरीज बुखार से पीड़ित थे और इन्हें पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द की भी शिकायत थी। अरोड़ा ने बताया कि इनमें से आठ मरीजों को कोविड-19 इलाज के दौरान स्टेरॉइड की खुराक दी गई थी। डॉक्टरों ने बताया कि खराब पोषण लेने वाले , एचआईवी और कैंसर के मरीजों में कमजोर प्रतिरोधक क्षमता और स्टेरॉइड के इस्तेमाल से अमीबा फोड़ों की समस्या पैदा करता है।

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