वायनाड (केरल), 30 जुलाई : केरल के वायनाड जिले की ऊंचाई पर स्थित बस्तियों में मंगलवार को तड़के भूस्खलन से तबाह हुए मकानों और मलबे के ढेर के नीचे फंसे होने के बाद लोग लगातार फोन कर मदद की गुहार लगाते रहे. टेलीविजन चैनलों ने कई लोगों की फोन पर बातचीत प्रसारित की जिसमें वे रो रहे थे तथा खुद को बचाने का अनुरोध कर रहे थे क्योंकि वे या तो अपने घरों में फंस गए या पुलों के बह जाने तथा सड़कों के जलमग्न होने के कारण उनके पास वहां से निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा है.ऐसी ही एक बातचीत में चूरलमाला शहर की निवासी एक महिला को जोर-जोर से रोते हुए यह कहते सुना गया कि उसके घर में कोई व्यक्ति मलबे में फंस गया है और उसे बाहर नहीं निकाला जा सका.
महिला को यह कहते हुए सुना गया, ‘‘कृपया कोई आए और हमारी मदद करे. हमने अपना घर खो दिया है. हमें नहीं पता कि नौशीन (स्पष्ट रूप से परिवार का कोई सदस्य) जीवित है या नहीं. वह दलदल में फंस गयी है. हमारा घर शहर में ही है....’’ चूरलमाला के एक और निवासी ने फोन पर बातचीत के दौरान कहा कि उनका मकान अब भी हिल रहा है और उन्हें नहीं पता कि क्या किया जाए. उसने कहा, ‘‘धरती हिल रही है. इस जगह बड़ा शोर है. हमारे पास चूरलमाला से बाहर आने का कोई रास्ता नहीं बचा है.’’ एक अन्य व्यक्ति ने फोन पर सूचना दी कि मुंडक्कई में बड़ी संख्या में लोग मलबे में फंसे हैं और जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उसने कहा, ‘‘अगर कोई मेप्पदी इलाके से वाहन से यहां आ सकता है तो हम सैकड़ों लोगों की जान बचा सकते हैं.’’ एक घायल बुजुर्ग ने एक टेलीविजन चैनल को बताया कि उनकी पत्नी लापता हैं और उन्हें नहीं मालूम कि वह कहां हैं. यह भी पढ़ें : केरल भूस्खलन : मृतकों की संख्या बढ़कर 45 हुई, बचाव अभिायन जारी
उन्होंने बताया, ‘‘हम घर में सो रहे थे. अचानक एक तेज आवाज सुनाई दी और हमने बड़े-बड़े पत्थर तथा पेड़ों को हमारे मकान की छत पर गिरते हुए देखा. घर में बाढ़ का पानी घुस गया जिससे घर का दरवाजा टूट गया.’’ उन्होंने यह भी बताया कि किसी ने उन्हें बचाया और अस्पताल पहुंचाया लेकिन उनकी पत्नी का कुछ अता-पता नहीं है. केरल के पर्वतीय वायनाड जिले में मंगलवार को तड़के कई जगहों पर हुई भूस्खलन की घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने यह जानकारी दी. अधिकारियों के मुताबिक, भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं.