पटना, 28 अप्रैल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद शुक्रवार को पटना पहुंच सकते हैं। उनकी पिछले साल दिसंबर में सिंगापुर में किडनी प्रत्यारोपण की सर्जरी की गई थी। भारत लौटने के बाद वह कई महीनों से दिल्ली में रह रहे थे।
लालू के आने की खबर से बिहार की राजधानी में लंबे समय से उनका इंतजार कर रहे राजद कार्यकर्ताओं के बीच खुशी की लहर है। वे अपने नेता का भव्य स्वागत करने की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
राजद सुप्रीमो के बड़े बेटे और बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तेजप्रताप यादव ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, “पिताजी पटना आ रहे हैं। हमें बहुत काम करना है।”
राजद सूत्रों के मुताबिक, लालू कुछ दिनों के लिए पटना में रहेंगे, पर वह स्वास्थ्य संबंधी कारणों से जनसभाओं में हिस्सा लेने से परहेज कर सकते हैं।
राजद सुप्रीमो ने बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में अपनी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती के आवास पर समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की थी।
इससे पहले, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 25 अप्रैल को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की थी।
लालू के अगले लोकसभा चुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि लालू में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोधी नेताओं को एकजुट करने की अद्वितीय क्षमता है।
उनकी पार्टी राजद बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार में सबसे बड़ी सहयोगी है।
नीतीश पहले से ही आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
बिहार में महागठबंधन में सात पार्टियां-जद(यू), राजद, कांग्रेस, भाकपा माले, भाकपा, माकपा और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा शामिल हैं, जिनके 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में कुल 160 से अधिक विधायक हैं।
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