नयी दिल्ली, 25 जनवरी उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में बुधवार को आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी।
इस मामले का घटनाक्रम इस प्रकार है : -
तीन अक्टूबर, 2021: लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का किसानों द्वारा विरोध किए जाने के दौरान हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी।
पांच अक्टूबर, 2021: घटना की जांच की निष्पक्षता पर गंभीर चिंता जताते हुए उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर।
20 अक्टूबर, 2021: उच्चतम न्यायालय ने मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि पुलिस को इस धारणा को दूर करने की जरूरत है कि वह बहुत धीमे काम कर रही है और उसे मजिस्ट्रेट के सामने गवाहों के बयान दर्ज कराने एवं उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
26 अक्टूबर, 2021: शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को गवाहों को सुरक्षा देने तथा और प्रत्यक्षदर्शी खोजने का निर्देश दिया क्योंकि ऐसी गवाही अधिक विश्वसनीय होती है।
17 नवंबर, 2021: उच्चतम न्यायालय ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार जैन को उत्तर प्रदेश एसआईटी (विशेष जांच दल) की जांच की निगरानी के लिए नियुक्त किया।
10 फरवरी, 2022: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने आशीष को नियमित जमानत दी और राय व्यक्त की कि मामला ‘‘वाहन से टकराकर दुर्घटना’’ होने का है।
21 फरवरी, 2022: उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत को चुनौती देने वाली याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर।
चार मार्च, 2022: उच्चतम न्यायालय जमानत देने संबंधी फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हुआ।
29 मार्च, 2022: उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि आशीष मिश्रा को जमानत देने को चुनौती देने का फैसला संबंधित प्राधिकारियों के पास लंबित है।
चार अप्रैल, 2022: उच्चतम न्यायालय ने आशीष को जमानत देने के उच्च न्यायालय के फैसले पर सवाल उठाया और कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, घावों की प्रकृति जैसे अनावश्यक विवरणों पर उस समय विचार नहीं किया जाना चाहिए था, जब सुनवाई शुरू होनी बाकी हो। उसने आदेश सुरक्षित रखा।
18 अप्रैल, 2022: इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा आशीष को दी गई जमानत को उच्चतम न्यायालय ने रद्द किया और उससे एक हफ्ते में आत्मसमर्पण करने को कहा। न्यायालय ने जमानत याचिका उच्च न्यायालय को वापस भेजी और उससे तीन महीने के भीतर ‘‘निष्पक्ष और उचित तरीके से तथा स्थापित मापदंडों को ध्यान में रखते हुए’’ फिर से फैसला करने को कहा।
26 जुलाई 2022: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने आशीष की जमानत याचिका खारिज की।
छह सितंबर 2022: आशीष की जमानत याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा।
19 जनवरी, 2023: उच्चतम न्यायालय ने आशीष की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा।
25 जनवरी, 2023 : उच्चतम न्यायालय ने आशीष को आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत दी।
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