नयी दिल्ली, 21 जून मुख्य श्रम आयुक्त डी पी एस नेगी ने जल विद्युत कंपनी एनएचपीसी और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों के साथ बैठक कर दोनों इकाइयों की हिमाचल प्रदेश में परियोजनाओं में नये श्रम कानून और श्रम संहिताओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की।
अधिकारियों के साथ अलग से बैठकों में नेगी ने एनएचपीसी की पार्बती-2 और पार्बती-3 परियोजनाओं में मौजूदा श्रम संबंधित मुद्दों के बारे में पूछताछ की।
उन्होंने बिहाली में पार्बती बिजली घर में जारी विभिन्न गतिविधियों का अध्ययन किया। दोनों परियोजनाओं के महाप्रबंधक ने मुख्य श्रम आयुक्त और श्रम ब्यूरो के महानिदेशक को विभिन्न श्रम कानूनों के अनुपालन के बारे में जानकारी दी।
नेगी ने दोनों परियोजनाओं में श्रम कानूनों की स्थिति के अनुपालन पर संतोष जताया।
श्रम मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘उन्होंने हिमाचल प्रदेश में एनएचपीसी और बीआरओ परियोजनाओं में श्रम कानूनों और श्रम संहिताओं के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की।’’
बैठक में, बीआरओ के अधिकारियों ने सुरंग के कार्य और अन्य संबंधित पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। रक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाला बीआरओ यानी सीमा सड़क संगठन का गठन 1960 में किया गया था।
नेगी ने बीआरओ के अधिकारियों और ठेकेदारों को श्रम कानूनों और नए श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन के महत्व के बारे में समझाया।
नौ किलोमीटर से अधिक लंबी सुरंग को सीमा सड़क संगठन ने रोहतांग दर्रा के नीचे बनाया है। इससे संपर्क सुविधा बेहतर हुई है और मनाली और केलांग के बीच यात्रा समय काफी कम हो गया है।
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