Kuwait Fire Incident: भारतीयों के शवों को वापस लाने के लिए वायुसेना का विमान तैयार
(Photo : X/AI)

नयी दिल्ली, 13 जून : कुवैत के अधिकारी मंगाफ इलाके की एक इमारत में लगी भीषण आग में मारे गये लोगों के शवों की डीएनए जांच कर रहे हैं और भारतीय वायुसेना के एक विमान को हादसे में मारे गये भारतीयों के शवों को वापस लाने के लिए तैयार रखा गया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह आग में झुलसे भारतीयों की सहायता की निगरानी करने और मारे गए लोगों के शवों को शीघ्र स्वदेश लाए जाने के लिए कुवैत रवाना हो चुके हैं. अधिकारियों ने बताया कि अल-मंगाफ इमारत में आग लगने से कुल 49 लोगों की मौत हुई और माना जा रहा है कि उनमें से 42 भारतीय थे, शेष पाकिस्तान, फिलीपीन, मिस्र और नेपाल के नागरिक थे.

विदेश मंत्रालय ने बुधवार रात एक बयान जारी कर कहा था, ‘‘कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में एक आवासीय इमारत में आज (बुधवार) तड़के आग लगने की एक दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुखद घटना में मारे गये लोगों में से करीब 40 के बारे में माना जा रहा है कि वे भारतीय थे.’’ प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना को 'दुखद' करार दिया और विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा सहित अन्य लोगों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की. बैठक के बाद मोदी ने प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतक भारतीयों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की और निर्देश दिया कि सरकार हर संभव सहायता प्रदान करे. यह भी पढ़ें : एनएसएफ ने लोगों से निकाय चुनावों में ‘नगालैंड में जन्मे उम्मीदवारों’ को चुनने का आग्रह किया

विदेश मंत्री ने फोन पर अपने कुवैती समकक्ष अब्दुल्ला अली अल-याह्या से बातचीत की और उनसे अनुरोध किया कि आग लगने के कारण जान गंवाने वाले भारतीयों के शव शीघ्र भारत भेजे जाएं. जयशंकर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘(मैंने) कुवैत में आग लगने की घटना के संबंध में कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से बातचीत की. (मुझे) इस संबंध में कुवैती अधिकारियों द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में बताया गया. (मुझे) आश्वासन दिया गया कि इस घटना की पूरी जांच की जाएगी और जिम्मेदारी तय की जाएगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के शवों को जल्द से जल्द उनके देश भेजने का आग्रह किया.’’