कोविड-19ः मुश्किलों से जूझते हुए राहत के उपायों पर अमल में जुटी दुनिया

'वोंगफोंग' नामक तूफान के चलते बाढ़ और भू-स्खलन का खतरा बढ़ गया है, जिसके मद्देनजर लोगों को बचाकर आश्रय गृहों में भेजा गया है, लेकिन वहां कोरोना वायरस के और अधिक प्रसार का डर पैदा हो गया है।

अधिकारी और अधिक आश्रय गृह स्थापित करने की मांग कर रहे हैं ताकि लोगों के बीच अधिक भौतिक दूरी सुनिश्चित की जा सके।

वही, कोरोना वायरस महामारी के चलते अर्थव्यवस्था पर पड़े बुरे प्रभाव के बीच न्यूजीलैंड और जापान समेत कई देशों ने लॉकडाउन में और ढील देनी शुरू कर दी है।

न्यूजीलैंड सरकार ने कहा है कि उसने बेरोजगारी दर को 10 प्रतिशत से नीचे रखने के लिये अधिक से अधिक पैसा अर्थव्यवस्था पर खर्च करने की योजना बनाई है।

वित्त मंत्री ग्रांट रॉबर्टसन ने कहा, ''महामंदी के बाद से हमने ऐसा वैश्विक आर्थिक और स्वास्थ्य संकट नहीं देखा।''

न्यूजीलैंड में बृहस्पतिवार से मॉल, खुदरा दुकानें और रेस्त्रां फिर से खोल दिये गए हैं और अधिकतर लोग अपने काम पर लौटने लगे हैं। हालांकि 10 से अधिक लोगों के एक साथ जमा होने पर पाबंदी है। साथ ही सामाजिक मेलजोल से दूरी का पालन किया जा रहा है।

कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित देशों में से एक इटली के प्रधानमंत्री जोसेफ कोंटे ने भी कारोबारों और परिवारों की मदद के लिये एक बड़े आर्थिक पैकेज का वादा किया है।

इटली सरकार ने अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को कानूनी दर्जा देने का भी वादा किया है। ऐसे अधिकतर लोग फसलों की कटाई, बच्चों को संभालने और केयरटेकर के तौर पर काम करते हैं।

वहीं, इथोपिया में पुलिस ने सार्वजनिक जगहों पर बिना मास्क पहने घूम रहे एक हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि यूनान में हाई स्कूल की कक्षाओं में कैमरे लगाने की सरकार की योजना पर विवाद खड़ा हो गया है।

यूनान सरकार ने अगले सप्ताह से खुल रहे स्कूलों की कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति कम करने के मकसद से यह योजना बनाई थी ताकि बच्चे घर बैठे ही वीडियो स्ट्रीमिंग के जरिये पढ़ाई कर सकें, लेकिन निजता अधिकारों से जुटे संगठन और वामपंथी विपक्षी दल ने इसे निजता का उल्लंघन बताते हुए कक्षाओं में कैमरे लगाने का विरोध किया है।

कई देशों में लोग आम जनजीवन सामान्य बनाने के लिये नये तरीके खोज रहे हैं। ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में घरों के बाहर बच्चों की फिल्में दिखाकर लोगों का मनोरंजन किया जा रहा है।

इसके अलावा कई देशों में लोग ऑनलाइन धार्मिक तथा आध्यात्मिक कार्यक्रम देखकर वक्त बिता रहे हैं।

अमेरिका के टेक्सास शहर में रहने वाले इस्लामिक गुरु उमर सुलेमान का कहना है, ''मुझे लगता है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच लोग पहले से अधिक आध्यात्मिक सामग्री ढूंढ रहे हैं।''

उमर का इस्लामी रिसर्च संस्थान 'यकीन' यू-ट्यूब पर धार्मिक वीडियो अपलोड करता है।

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने बृहस्पतिवार को निर्धारित समय से पहले देश के कई हिस्सों से आपातकाल हटाने की घोषणा की। उन्होंने देश के 47 में से 39 जिलों से तत्काल प्रभाव से आपातकाल हटाने का ऐलान किया है जबकि राजधानी तोक्यो और क्योटो तथा होकाइदो समेत आठ जिलों या शहरों में आपातकाल जारी रहेगा, क्योंकि यहां अब भी बहुत अधिक खतरा है।

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की एक तालिका के अनुसार, अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित है, जहां लगभग 13 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं जिनमें से 84,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में बेरोजगारी की दर 14.7 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

दुनिया भर में, 45 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं जिनमें से 2,97,000 लोगों की जान जा चुकी है।

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